मैं ख़ामोश हूँ, मुझे ख़ामोश रहने दो। बोलने पर आया अगर, चुप न रह पाऊँगा। मेरे सीने में एक बवंडर है। बाहर आया तो संभल न पाऊँगा।। छुपी है एक बात सीने में, क्या बताऊँ यारो अब नही मजा जीने में। करता रहता हूँ बातें अपने आप से। मैं कितने राज छुपाऊँ सीने में।। C L Gautam C L Gautam