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दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो, इंसानियत की राह पर

दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो,
इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है।

जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है,
दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है।

अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है,
जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है।

दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी,
सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो,
इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है।
जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है,
दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है।
अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है,
जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है।
दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी,
सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी।
दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो,
इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है।

जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है,
दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है।

अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है,
जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है।

दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी,
सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दुश्मनी का सफ़र भले ही छोटा हो,
इंसानियत की राह पर चलना बड़ा होता है।
जो दुश्मन था कभी, वो अब रास्ता दिखा सकता है,
दिलों में घावों को भी मोहब्बत भर सकता है।
अक्सर जख्मों से ही नई ताकत मिलती है,
जो कभी टूटा था, वही फिर से उठ सकता है।
दुश्मनी की दीवार कब तक खड़ी रहेगी,
सच्ची दोस्ती की हवाओं में वो भी गिर सकेंगी।