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मैंने भी सोच रखा है एक दिन एक घर बनाना है फिर उसे

मैंने भी सोच रखा है

एक दिन एक घर बनाना है
फिर उसे करीने सा सजाना है

तुम्हें बुलाना है उसी शाम
जिस दिन तूने मेरे घर आना है

रस्म है मेरे यहां 
नए पुराने सामान से घर सजाने की
तू हाथ बटा देना मां का
एक काम करना है
 मां जो मांगें वो सब सामान पकड़वाना है

चाय भी ठीक ठाक बना लेता हूं
फिर किसी दिन तुझे चाय पे बुलाना है

पकोड़े अच्छे बना लेती है मां
तुम एक काम करना
मां से सांझा करना तुम्हारी कोई याद
मां ने बातों बातों में तुम्हें सब सिखाना है

©Manish Sarita(माँ )Kumar
  घर बनाना है





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