बना के अपनीं उलझनों को गीत मैं गाता रहा, बहुत नादान है मेरा दोस्त! समझकर शायर मुझे वो दाद देता रहा। #स्वरचित #शून्य #उलझन #गीत #गाता #नादान #मेरादोस्त #शायर