देखे हैं जो ख्वाब वो भले ही तोड़ दे चाहो तो जीवनस्वप्न को रिजेक्टेड बोल दे बस एक अनुकम्पा कर दे मेरे जगदीश "माँ"की दुआओं को तूँ तथास्तु बोल दे । #सर्वाधिकारसुरक्षित #स्वरचित © #माँ #अनुकम्पा #जगदीश #दुआओं #स्वप्न #शून्य