Nojoto: Largest Storytelling Platform

कहती है कुछ ये छत जब गिरता है बूंद बूंद बनकर पानी

कहती है कुछ  ये छत
जब गिरता है बूंद बूंद बनकर पानी टप – टप
पूछते है सब क्या कहते है 
बता सकते है वही 
जो इन चार दीवारों के अंदर रहते है
लेकिन बताते नहीं  है वो भी कुछ ज्यादा
बता सकते है क्या वो
जिसकी थाली में रोटी हो आधा
लेकिन कहती है
इन दीवारों की दरारे
और वो टूटी किवाड़े
घर की अलगनी पर है कुछ चिथड़े
और कुछ फटे पुराने टुकड़े
कहते है ये सब कथा संघर्ष जीवन की
जिंदगी से जूझते उस शक्स की
जो कभी हारना जानता नहीं
नकली चेहरा मुंह पर डालता नहीं
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या
 कहती है कुछ  ये छत
जब गिरता है बूंद बूंद बनकर पानी टप – टप
पूछते है सब क्या कहते है 
बता सकते है वही 
जो इन चार दीवारों के अंदर रहते है
लेकिन बताते नहीं  है वो भी कुछ ज्यादा
बता सकते है क्या वो
जिसकी थाली में रोटी हो आधा
कहती है कुछ  ये छत
जब गिरता है बूंद बूंद बनकर पानी टप – टप
पूछते है सब क्या कहते है 
बता सकते है वही 
जो इन चार दीवारों के अंदर रहते है
लेकिन बताते नहीं  है वो भी कुछ ज्यादा
बता सकते है क्या वो
जिसकी थाली में रोटी हो आधा
लेकिन कहती है
इन दीवारों की दरारे
और वो टूटी किवाड़े
घर की अलगनी पर है कुछ चिथड़े
और कुछ फटे पुराने टुकड़े
कहते है ये सब कथा संघर्ष जीवन की
जिंदगी से जूझते उस शक्स की
जो कभी हारना जानता नहीं
नकली चेहरा मुंह पर डालता नहीं
✍️रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या
 कहती है कुछ  ये छत
जब गिरता है बूंद बूंद बनकर पानी टप – टप
पूछते है सब क्या कहते है 
बता सकते है वही 
जो इन चार दीवारों के अंदर रहते है
लेकिन बताते नहीं  है वो भी कुछ ज्यादा
बता सकते है क्या वो
जिसकी थाली में रोटी हो आधा