221 212 2 22 12122 मौजूद बाबरी मस्जिद है हमारी देखो शैतान की नज़र से रब ने छुपा रखी है नमरूद अबरहा याहूदी का यही था मस्ला तारीख़ -ए-क़ुरानी तुमको सुना रखी है ए- रब तु सब्र दे लोगो को इमान का तू परवर दिगार सबने मिलके दुआ रखी है अफ़सोस हश्र तक होगा बाबरी मेरी थी दुश्मन ने नीव जबरन अपनी वहाँ रखी है शैतान खुश रहेगा वो कब तलक़ जहाँ मै रब ने "ज़ुबैर" आँसूओ मै बता रखी है लेखक - ज़ुबैर खान.......📝 ©SZUBAIR KHAN KHAN Babri Masjid