#महारास झिलमिल सितारे व्योम में। पूनम प्रकाशित ओम में। आनंद रस ये रास का। मोहन प्रिया के वास का । सुंदर छटा बिखरी हुई। लावण्यता छायी हुई। सब संग सखियां सोहना बहु रूप में मन मोहना। निधिवन सुहाना सज रहा। मिल रज पवन रव कर रहा। शशि चांदनी भी सज रही। बंसी मधुर धुन बज रही। राधा रटे,मन मोहना। हृद में बसे ,वो सोहना। ओंठों बसी, बंसी बजे। उर राधिका सुर में सजे। राधा करे , बस कामना । नित श्याम से , हो सामना। कालिंदि तट , नित रास हो। बस श्याम प्रिय ,उन पास हो। श्यामा रटत , रट श्याम की। सुध भी नहीं , नित काम की। श्री भक्तिमय , हैं राधिका। सब प्रेम की बस साधिका। राधा रटे मनमोहना। सखियाँ रटे मनमोहना। मुरली धरा हर हृद सजे। सब को लगे उस हित बजे। मुरली मधुर सुन भागती। निज काज कर का त्याजती। श्रृंगार निज ना भान था। श्री कृष्ण प्रिय बस ध्यान था । मैं रास पावन गा रही। प्रभु भक्ति गोता खा रही। राधा रमण धुन सुन रही। भवभक्ति मुक्ता चुन रही राधा बनूं मीरा बनूं। ललिता सखी चित्रा बनूं। तुझ पग तली रेती बनूं। ग्वालिन सखी पद रज बनूं। वीणा खंडेलवाल तुमसर ©veena khandelwal #sharadpurnima