Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं कहां हुं बस,   यही सोचता हुं, तुही तुही दिल ए

मैं कहां हुं बस,   यही सोचता हुं,
तुही तुही दिल ए यार ,सोचता हुं।।

तोड़कर दार ओ दिवार , दुनिया,
महकती खुशबू पार , सोचता हुं।।

चाहत की राह ,अजीब ओ गरीब,
मस्त मौला अंदाज, यार सोचता हुं ।।

हाल ए दिल , शबनमी फूलों पर,
मैं , भीगी भीगी,  बहार सोचता हुं।।

आनंद रंज ओ अलम, कहीं नहीं,
दिल ए नूर मैं, आरपार,सोचता हुं ।।

©Mohanbhai आनंद मैं कहां हुं बस,   यही सोचता हुं,
तुही तुही दिल ए यार ,सोचता हुं।।

तोड़कर दार ओ दिवार , दुनिया,
महकती खुशबू पार , सोचता हुं।।

चाहत की राह ,अजीब ओ गरीब,
मस्त मौला अंदाज, यार सोचता हुं ।।
मैं कहां हुं बस,   यही सोचता हुं,
तुही तुही दिल ए यार ,सोचता हुं।।

तोड़कर दार ओ दिवार , दुनिया,
महकती खुशबू पार , सोचता हुं।।

चाहत की राह ,अजीब ओ गरीब,
मस्त मौला अंदाज, यार सोचता हुं ।।

हाल ए दिल , शबनमी फूलों पर,
मैं , भीगी भीगी,  बहार सोचता हुं।।

आनंद रंज ओ अलम, कहीं नहीं,
दिल ए नूर मैं, आरपार,सोचता हुं ।।

©Mohanbhai आनंद मैं कहां हुं बस,   यही सोचता हुं,
तुही तुही दिल ए यार ,सोचता हुं।।

तोड़कर दार ओ दिवार , दुनिया,
महकती खुशबू पार , सोचता हुं।।

चाहत की राह ,अजीब ओ गरीब,
मस्त मौला अंदाज, यार सोचता हुं ।।