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Happy Rath Yatra लोग कहते हैँ ँइन गीतों मे कोई श

Happy Rath Yatra  लोग कहते हैँ  ँइन गीतों मे कोई शाश्वत सार  नही है
ये तो दुख का ही सरगम  है सुख की मधु मनुहार नही  है

कंण कंण मे पीड़ा  मुस्काती  अम्बर की पलकें भीगी
धरती  रोये पर मैं. गाऊँ  मुझको यह मंजूर  नही है

©Parasram Arora दुख का  सरगम.....
Happy Rath Yatra  लोग कहते हैँ  ँइन गीतों मे कोई शाश्वत सार  नही है
ये तो दुख का ही सरगम  है सुख की मधु मनुहार नही  है

कंण कंण मे पीड़ा  मुस्काती  अम्बर की पलकें भीगी
धरती  रोये पर मैं. गाऊँ  मुझको यह मंजूर  नही है

©Parasram Arora दुख का  सरगम.....