#RDV19 आफ़रीन हैं........................ ये किताब ए ज़िन्दगी............ मुखातिब हुए जब सफ्हात से.. सफ्हा में फूल जैसे............... शायद हम महक रहे थे.......... वक़्त खफा था हमसे कुछ...... पर हसीन वक़्त को...............