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White पल्लव की डायरी ठेस ना लगे किसी को लोग दिखावा

White पल्लव की डायरी
ठेस ना लगे किसी को
लोग दिखावा पसन्द नही करते थे
बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब
इसलिये भेष भूषा और पोशाको से 
उसे आहत नही करते थे
ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार
इसलिये होड़ बढ़ाकर
किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे
मगर आज दिखावे की बीमारी
लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है
बराबरी की होड़ में जिंदगी
सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है
धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है
#nojotohindipoetry
White पल्लव की डायरी
ठेस ना लगे किसी को
लोग दिखावा पसन्द नही करते थे
बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब
इसलिये भेष भूषा और पोशाको से 
उसे आहत नही करते थे
ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार
इसलिये होड़ बढ़ाकर
किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे
मगर आज दिखावे की बीमारी
लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है
बराबरी की होड़ में जिंदगी
सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है
धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है
                                           प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है
#nojotohindipoetry