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सहज योग अनुभूति मैं सब से नादान थी, सब से अनजान थ

सहज योग अनुभूति

मैं सब से नादान थी,
सब से अनजान थी,
फिर भी श्री माता जी 
मुझ पे मेहरबान थी...

मैं सब से जुदा थी,
सब से खफ़ा थी,
फिर भी श्री माता जी की प्रेम
की वर्षा मुझ पऱ अपार  थी

मैं बेबस थी,
मैं लाचार थी,
फिर भी श्री माता जी की
करुणा मुझ  पऱ थी

©Rakhi Om #sahajyoga # #ananditabasu
rakhigupta3359

Rakhi Om

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