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ठहरी हुई थी लय थीं दिशायें शांत सभी स्पंदित हो गय

ठहरी हुई थी लय 
थीं दिशायें शांत सभी
स्पंदित हो गया जीवन
हौले से उसने छुआ जभी 

बैठे रहे उनींदें से हम
की लेंगे वो सुध मेरी कभी
ज्यों ही सोचा अब सो जाऊं
फोन की घंटी बजी तभी

©Kirbadh #Chhuan  प्यार पर कविता कविता कोश
ठहरी हुई थी लय 
थीं दिशायें शांत सभी
स्पंदित हो गया जीवन
हौले से उसने छुआ जभी 

बैठे रहे उनींदें से हम
की लेंगे वो सुध मेरी कभी
ज्यों ही सोचा अब सो जाऊं
फोन की घंटी बजी तभी

©Kirbadh #Chhuan  प्यार पर कविता कविता कोश
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