वैरागी के अनुराग पर प्रश्न करना कदापि उचित तो नहीं किन्तु उसे वैरागी कैसे माने जो लोभ और मोह से मुक्त नहीं जिसके आचरण में वैराग्य दिखाई नहीं पड़ता राई रत्ती बराबर भी माया के मोह में आकंठ डूबे व्यक्ति का धर्म निज हित चिंतन है सखी बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla चाँदनी वंदना ....