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यहाँ वहाँ छितराये हुए    मेरे किस्‍मत के धागों उठो

यहाँ वहाँ छितराये हुए   
मेरे किस्‍मत के धागों उठो
फिर से बुनना होगा
एक नया कपड़ा तुमको
कुछ कम पड़ जाए तो समेट लेना
मेरी हथेलियों की पेचिदा रेखाओं को
उठो... अब तो उठो
मेरे उलझे हुए धागों उठो

यहाँ वहाँ छितराये हुए    मेरे किस्‍मत के धागों उठो फिर से बुनना होगा एक नया कपड़ा तुमको कुछ कम पड़ जाए तो समेट लेना मेरी हथेलियों की पेचिदा रेखाओं को उठो... अब तो उठो मेरे उलझे हुए धागों उठो

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