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तुम दीवार बन कर मत टकराओ, ये इन्कलाब की आंधी है, त

तुम दीवार बन कर मत टकराओ,
ये इन्कलाब की आंधी है,
तुम हजार गोडसे आ जाओ,
यहां लाखो बैठे गांधी है
(बागी खान) #जेएनयू 
#इंकलाब
तुम दीवार बन कर मत टकराओ,
ये इन्कलाब की आंधी है,
तुम हजार गोडसे आ जाओ,
यहां लाखो बैठे गांधी है
(बागी खान) #जेएनयू 
#इंकलाब