भूलो मत क़ि ये धरती तुम्हारी नंगी पग तलियो का स्पर्श पाकर प्रसन्न होती हैँ और ये पवन तुम्हारे केशो से अटखेलिया करना चाहता हैँ इन फूलों की . खुशबू तुम्हारे नासापुटों को सहलाने का आनंद प्राप्त करना चाहती. हैँ जबकि प्रतीक्षा रत ये वृक्ष तुम्हारे एक सौहार्दपूर्ण आलिंगन से अपने जीवन को धन्य करना चाहता हैँ भूलो मत.......