प्रेम में थोड़ी मूर्खता अत्यंत अनिवार्य हैं अधिक,बुद्धिमान व्यक्तियों के लिए प्रेम का प्रादुर्भाव असंभव हैं आप के प्रति मेरा निश्छल,एकल प्रेम यदि मुझें, नितांत मूर्ख भी सिद्ध कर दे मुझें,उसमें भी अति प्रसन्न अत्यंत सम्मान की अनुभूति होंगी मुझें अपने सहज,सरल,पवित्र एकल प्रेम पर सदैव गर्व ही रहेगा अभिमान मेरे हिस्से में कभी आया ही नहीं मैं, अत्यंत स्वाभिमान से जीवनपर्यन्त आप के प्रति अपने एकल प्रेम का निर्वहन करूंगी ये, मेरा निर्णय हैं मुझे इस के लिए किसी अनुमति किसी प्रत्युत्तर की कोई आवश्यकता नहीं आशुतोष से प्रार्थना हैं आप सैदव प्रसन्न रहें आप का प्रसन्नमुख मुझें, अत्यंत प्रिय हैं... ©ashita pandey बेबाक़ #good_night reality life quotes in hindi shayari on life