लकीर से फ़क़ीर था कहानियों का वज़ीर था खुद के किये गुनाहों का वो खुद में ही वकील था था वो दुनियां के जंजालों से अछूत-सा बेफिक्र बेढंग मिज़ाज़-ए-महफूज़ सा आँखों में लिए चमक कीमती शकल से वेरंग था वो ग़रीबी में रहकर भी अमीरों सा मलंग था वो लकीर से फ़क़ीर था कहानियों का वज़ीर था खुद के किये गुनाहों का वो खुद में ही वकील था जेब से गरीब लेकिन दिल से अमीर था लकीर का फ़कीर ना वो लकीर से फ़कीर था लकीर का फ़कीर ना वो लकीर से फ़कीर था ।।। ©विनय कुमार #lakeer_se_fakeer#nojoto