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मनुष्य वस्तुतः कृत्यो में जीता है वर्षों में नही

मनुष्य  वस्तुतः कृत्यो में जीता है
वर्षों में नही
और विचार शवासों से भी गहरे है
श्वासे  वर्ष लाती  है
विचार कृत्य लाते हैँ
विचारों से भी गहरे है. भाव 
ह्रदय की धड़कने भी इतनी गहरी
नही
और भावो से भी गहरा है  एक अतल तल... वही  आत्मा है.. ओशो

©Parasram Arora आत्मा....
मनुष्य  वस्तुतः कृत्यो में जीता है
वर्षों में नही
और विचार शवासों से भी गहरे है
श्वासे  वर्ष लाती  है
विचार कृत्य लाते हैँ
विचारों से भी गहरे है. भाव 
ह्रदय की धड़कने भी इतनी गहरी
नही
और भावो से भी गहरा है  एक अतल तल... वही  आत्मा है.. ओशो

©Parasram Arora आत्मा....