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laxmandawani7800
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laxman dawani

26 दिसम्बर 1968

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laxman dawani

White 212   212   212   212
क्या  हसी  रात  है  चाँद  भी  साथ है
अब  कहाँ  बस  में  मेरे  ये जज्बात है

लेके   हाथो  में   वो  हाथ  मेरा  चला
मुद्दतो   बाद   वो  हम सफ़र  साथ  है

शर्म  से  छुप  गया चाँद  बदली में जा
देख  जवां  दो  दिलो  की ये बारात है

जल  उठे   दो  बदन   रातें  हुई  जवां
हुस्न  ओ  इश्क   की  ये  मुलाकात है

रख  दिये लब  लबो पर  मेरे उसने यूँ
बढ़  गयी  तिश्नगी  वाह  क्या  बात है

देख मिलन ये जवां दो दिलो का यहाँ
चाँदनी ने  की फूलों  की ये बरसात है

अरसे  के  बाद  बिखरी  यूँ  है चाँदनी
चाँदनी  के  संग वो  खुशनुमा  रात  है
         ( लक्ष्मण दावानी )
2/12/2016

©laxman dawani
  #love_shayari #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 1222   1222   1222   1222
सितम सहकर भी तेरे तुमको अपना प्यार लिखता हूँ
डुबो कर  खून  में  अपनी  कलम  में  यार लिखता हूँ

तुम्हारे  दर्द   से   आबाद   रहता   है   मेरा  ये   दिल  
कभी दिल का सुकूँ तो दिल कभी  लाचार लिखता हूँ

फसेंगी   ना   कभी   कश्ती  जमाने  के  तुफानो   में
तुम्हे  जीवन  की कश्ती  का में खेवनहार लिखता हूँ

वही  दिल है वही  धड़कन  मुहब्बत भी  वही अपनी
में  अपनी धड़कनों का तुम को पहरेदार  लिखता  हूँ

तिरी  यादें  सहारा  है   मिरी  इस  ज़िन्दगी  का  अब
बिना  तेरे   में  अपनी   ज़िन्दगी   दुश्वार  लिखता  हूँ

करूँ  किस पे  यकीं   यारा  मिला  जो  दर्द  तुमसे है
मुहब्बत  में  इसे  अपनी  में अब भी  हार लिखता हूँ
              ( लक्ष्मण दावानी )
1/12/2016

©laxman dawani
  #hindi_diwas #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

1222   1222   122
किसी को क्या हसीनो से मिला है
मिला जिसको नसीबो से मिला है

किसे सुनाऊँ  अपना हाले दिल ये
दरद सब  मह जबीनों से मिला है

न देखो  जख्म जो है  दिल पे मेरे
मिला  जो भी  करीबों से मिला है

न कर  बदनाम  महफ़िल  में मुझे
गिला  तुमको  रकीबों  से मिला है

सलामत चाँदनी  की जो चमक है
सिला वो सब  अंधेरो  से मिला है

सुलगते आँसु  आँखों के दिखा दूँ
ये  आँसु  जां नशीनों  से मिला है
        ( लक्ष्मण दावानी )
30/11/2016

©laxman dawani
  #humantouch #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

221   2121   1221   212
दुश्वारियां  ये  दिल कि तमन्ना   बदल  न  दे
इंसान   हूँ   मेरा  ये   नजरिया  बदल  न  दे

अपना खुदा यूँ मान लिया तुझे दिल ने अब
मत कर सितम यूँ इसपे वो खुदा बदल न दे

कर धोखे  जितने चाहे  मगर बात याद रख
खुदा  कहीं  तेरा  यूँ  वो  मोहरा  बदल न दे

ज़ुल्मो सितम ये  चलते नहीं  देर तक कभी
कर ना गुमान अब तू  वो रिश्ता  बदल न दे

छुपा  ले  लाख  झूठ  तू परदे के  पीछे अब
दुआ  कही  किसी की  वो  मुद्दा बदल न दे
          ( लक्ष्मण दावानी )
30/11/2016

©laxman dawani
  #Ambitions #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

1222   1222   122
कहाँ बच पाई है  अब ये वफ़ा भी
शिकायत  कर  रहे  है  बेवफा भी

छलकते अश्क भी अब कह रहे है
न  हमको  रास आई  वो दुआ भी

चिरागो   से जला  ना आशियाँ ये
बनी  दुश्मन  मेरी अब ये हवा भी

कदम   तेरे  चूमेंगी  खुशियाँ  सब
चलेगी   साथ   तेरे  ये  दुआ  भी

न  भूलेंगे  कभी  ज़ुल्मो सितम ये
रहेगी  याद  हमको  ये  सजा  भी

नमी पलकों पे जो दिखने लगी है
लिया  इल्जाम सर पर बेवफा भी

लगी  है बुनने रिश्ते ज़िन्दगी अब
किसी को छू सकी ना बद्दुआ भी

देखा  जो  तुम्हे  लत तेरी लगी है
ले  डूबी   है  हमें  तेरी  अदा  भी
      ( लक्ष्मण दावानी )
29/11/2016

©laxman dawani
  #UskeSaath #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 2122   1212   22
यादें  ही  बस   मिरा  सहारा  है
कितना  तन्हा ये  दिल हमारा है

नाव  साहिल  पे  आके डूबी थी
मिल  सका  ना  हमें  किनारा है

बनके राहत कभी यूँ बरसो तुम
की  लगे  क्या  हंसी  नज़ारा  है

हर  सूँ   बिखरी  है  चाँदनी  मेरे
दिल ने फिर  चाँद को पुकारा है

दर्द  दिल  में  बहुत  थे  मेरे  भी
नज्म   में   दर्द   को   उतारा  है

जब किसी  नेये दिल दुखाया है
बनके  साथी   तुने    सवारा  है
      ( लक्ष्मण दावानी )
29/11/2016

©laxman dawani
  #good_night #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

1222   1222   1222
वफाओं पर तेरी हम जां लुटा देते
वही हम थे जो रोतों को हँसा देते

लगे है  जख्म  सीने  पर बहुत मेरे
कभी आकर हमें मरहम लगा देते

चुरा ली  नींदे आँखों से मेरी तुमने
लगा कर सीने से हमको सुला देते

लबो  पर  गीत  तेरे  ही  सजाये है
छु  कर इन्हें कभी तो गुनगुना देते

रकीबो  को सदा अपना बताते हो
हमें भी तो  कभी अपना बता देते

झुका लेते है नजरे शर्म से अपनी 
कभी तो प्यास  मेरी भी बुझा देते
      ( लक्ष्मण दावानी )
27/11/2016

©laxman dawani
  #dhoop #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

White 1222   1222   1222
लगी दिल की बुझा सकता  नहीं कोई
मुहब्बत  को मिटा  सकता  नहीं कोई

सितम कर और ना मुझपे ऐ जाने जां
यूँ दिल मुझसा लुटा सकता नहीं कोई

कफ़न सर बाँध के हम आये है घर से
है दम  किसमे हिला सकता नहीं कोई

कलाकारी   नहीं   आती   फरेबों  की
मगर  हमको दिखा  सकता नहीं कोई

मुहब्ब्बत  से जहर पी  जाऊँ ख़ुशी से
यूँ नफरत से  पिला  सकता नहीं कोई

बहुत   गुरूर  है  अपनी   निगाहों  पर
मिला  हमसे  हटा  सकता  नहीं  कोई
         ( लक्ष्मण दावानी )
26/11/2016

©laxman dawani
  #Tulips #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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laxman dawani

Unsplash 2122   1212   22
रस्मे उल्फत तो कुछ निभाओ तुम
अपने  आगोश   में  सुलाओ  तुम

प्यास  बुझती  नहीं  मेरे  दिल की
अपने नज़रो से अब पिलाओ तुम

ठहरे  है  जो   लबो  पे  अफसाने
उनको अपनी जुबाँ पे लाओ  तुम

रातें    तन्हाई    में    गुजरती   है
इन्हें  आकर  रंगी   बनाओ   तुम

कब तलक तरसूँ तुझको पाने को
आके  हम को  गले  लगाओ तुम

राज   जितने   छुपाये   है  तुमने
आके  हमको  यहाँ  बताओ तुम

नजरे नज़रो से ना  मिलाओ तुम
अब  न  मेरे  करीब  आओ  तुम
      ( लक्ष्मण दावानी )
26/11/2016

©laxman dawani
  #leafbook #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
16d6cbb1212fe7cce341903834a9aba6

laxman dawani

Unsplash 1222   1222   1222   1222
न मेरा दिल  संभालता है  न मेरा दम  निकलता है
जहर  पी कर जुदाई  का  मेरा ये  दिल बिखरता है

उजागर  कर  देता  है  राज  ये अपनी  मुहब्बत के
मुहब्बत  में  तिरी जब भी  मेरा ये दिल धड़कता है

तिरी  परवाह  खुदगर्जी  है  मेरी  इस  मुहब्बत की
यही बातें ये दिल कहने से  अब भी तुमसे डरता है

तेरी ख़ुशी से चलती है  मेरी धड़कन यहाँ दिल की
उदासी   देखुँ  चहरे  पर  तेरे  तो  दिल  दहलता है

हमेशा  के  लिये  खामोश  हो जाएँगे हम इक दिन
बड़ी  मुश्किल से अब दिन रात मेरा भी गुजरता  है

तेरी   नाराजगी  वाजिब  है   ऐ  जाने  जिगर  मेरे
मगर  तेरे  ही दम  पर तो  मेरा ये  दिल संवरता है
              ( लक्ष्मण दावानी )
25/11/2016

©laxman dawani
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