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Rupam Mahto

Writter, singer

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Rupam Mahto

***आजकल कुछ कुछ अपने मन का करने लगी हूँ मैं***

*
आजकल  कुछ कुछ अपने मन का करने लगी हूँ मैं!
सुबह की चाय के साथ चंद पलों के लिए हर रोज  अखबार को पलटने लगी हूँ मैं!
रखती हूँ अपनी हर जिम्मेदारी का ख्याल पर अब इसके 
साथ ही खुद के लिए भी  थोड़ा थोड़ा जिने लगी हूँ मैं!

खोल अपनी पुरानी डायरी के पन्नों को कभी कभी !
सुनहरी यादों के खाबों में भिर से 
खोने लगी हूँ मैं!
बिस्तार से फैले इस आकाश के एक टूकड़े पे मेरे हिस्से के सितारे जगमगाते हैं!
उन सितारों को अब अकसर निहारने लगी हूँ मैं!
जीवन सरिता में हर ख्वाहिश पूरी हो ये जरूरी तो नहीं!
भिर भी अब खुश रहने का कोई न कोई बहाना ठूंड लेती हूँ मैं!

हर हाल में अपने वजूद के साथ जिना चाहती हूँ!
शायद अब अपनी अहमियत को बखूबी समझने लगीं हूँ मैं!!


       ......रूपम.....

©Rupam Mahto #अहमियत 

#SunSet
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Rupam Mahto

अपने हर टूटे बिखरे उदासी से भींगे हुए  सपनों को 
समेटर उसे एक नया नाम दिया है।कुछ कर गुजरने की चाहत तो न जाने कब से थी,पर आज कहीं जाकर अपनी हर चाहत को एक मुक्कमल जहाँ  दिया है।।

©Rupam Mahto #सपनों का जहाँ

#AloneInCity
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Rupam Mahto

#majburi

#soultouching
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Rupam Mahto

🥀"चित्रकारी"🥀


प्रकृति का है सौंदर्य, कितना प्यारा 
कितना अनोखा। 
चारों ओर  छाई छटा मनोहारी है।। 
सोच रहा ये पुलकित
 मन मेरा। 
ना जाने इतनी खूबसूरत 
यह किसकी चित्रकारी है।। 
इन खूबसूरत वादियों में गूंज रहे हैं भंवरे ऐसे। 
छेड़ रही हो वीणाअपनी मधुर तान जैसे।। 
बलखाती बेलों की भी अपनी शान निराली है। 
ना जाने इतनी खूबसूरत ये किसकी चित्रकारी है ।। 
ये गहरी -गहरी घाटियां 
और ये  झरनों का शोर। 
अनायास ही मन को खींचता है बस अपनी ही ओर।। 
ऊंचेऊंचे पर्वत ये सारे सरहद  की करती पहरेदारी  है। 
ना जाने इतनी खूबसूरत ये किसकी चित्रकारी है।। 
ढलते सूरज का रूप देखकर। 
मन पे छाई एक अजीब
 सी खुमारी है।
न जाने इतनी खूबसूरत यह किसकी चित्रकारी है।। 
कल- कल करती नदियाँ,
और झरने, क्षितिज की भी अपनी अदाकारी है। 
सोच रहा पागल मन मेरा न जाने ये किसकी चित्रकारी है।।

©Rupam Mahto #चित्रकारी

#MereKhayaal
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Rupam Mahto

सफ़र......
ये वो सफर है जिसकी शुरआत हुई तो पता न चला की ये वो सफर है जो कभी खत्म न होगी!
सबकुछ तो है इस सफर में एहसास,जज्बातों का समंदर,विचारों कि महक और इबादत की हद तक महोबत
,अगर कुछ नहीं है तो वो ये की इसकी कोई मंजिल नही है!
बस यूँही साथ साथ चलते चलते उसे एक दिन अपने सफर पे जाना था और मुझे अपने सफर पे।
इस सफर की खुबसुरती तो देखिये ये आज भी जारी है, बस इसके साथ बितनेवाले लम्हें आज कम हो गए है!
पर आज भी वो मुझमें कहीं जिंदा है और मैं उनमें कहीं बाकी हूँ बस एक होकर चलना न कल संभव था और न आज!
कभी कभी सोचती हूँ क्या नाम दूँ इस एहसास और ऐसे सफर को तो जहन में बस एक ही नाम उभर कर सामने आता है और वो है...

                      .... अंतहीन सफर के हमराही....

©Rupam Mahto #अंतहीन सफर

#BooksBestFriends
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Rupam Mahto

*अभी बहुत कुछ करना बाकी है*

जिंदगी तुमसे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।
मन के दहलीज पे कुछ सपने छुट गए है जो, उसे पुरा करना बाकी है। 
सुख दुख के आती जाती इन लहरों के बीच फिर से तैर कर उस पार निकलना बाकी है। 
बनाये हैं जो कुछ सपनों के घरोंदे मैंने उसे साचें में खुबसूरती ढालना बाकी है। 
कितने रंग बिखरें है जीवन में,उन रंगों का अभी कैनवस पे उतरना बाकी है। 
निराशा कि हर चादर को हटाकर  
अभी कामयाबी की दीपक का
 जलना बाकी है।
माना धूमिल सा है आकाश का आंगन अभी ,बनके सितारा अभी जुगनू कि तरह चमकना बाकी है। 
कुछ भी मुश्किल नहीं अगर हौसला हो उड़ान भरने कि,अभी आकाश कि अनंत उचाइयों को छूना बाकी है।। 
                ......रूपम,,....

©Rupam Mahto #kamyabi ki uran

#roseday
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Rupam Mahto

सुनो जरा! तुमने मुझे जो दर्द का जो समंदर दिया है न,आज भी उनमें कुछ सुकून के मोती रखें हैं तुम्हारे लिए जब तुम्हें कहीं न मिले वो तो आकर ले जाना।

©Rupam Mahto #सुकूँन 

#findsomeone
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Rupam Mahto

शरहदें तो जमीं पे बनाएं गयें हैं,उपरवाले के आसमां को देखो वहाँ  शरहद नहीं होतीं।
जमीं पे रहनेवाले इतनी सी बात समझ जाते तो शायद उनके दिलो में एक दूसरे के लिए इतनी नफरत नहीं होतीं।।

©Rupam Mahto #Nojoto #sarhade

#moonlight
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Rupam Mahto

पलकोंकी दहलीज पे आते-आते सपनों का टूटकर बिखरजाना।
कुछ ऐसा है,जैसे लहरों का बार- बार साहिल से टकराकर खाली हाथ लौट जाना।।

©Rupam Mahto #nojito #dahlij

#Morning
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Rupam Mahto

#nojatohindi #dahej

#HealTheWorld
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