#Hindidiwas हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा को सम्मान देने और इसके महत्व को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है। हिंदी भारत की राजभाषा और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिंदी भाषा के प्रति जागरूक करना और इसके प्रयोग को बढ़ावा देना है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें हिंदी प्रश्नोत्तरी, कवि सम्मेलन, हिंदी नाटक प्रतियोगिताएँ आदि शामिल होती हैं।
हिंदी दिवस का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह हमें हिंदी भाषा के प् #समाज
Anis Kumar
#Sunhera
1. मेरी आंखों में देखो, अपनी तकदीर खुद लिख रहा हूं मैं। किसी के हाथों में अपना भविष्य नहीं देखना चाहता।
2. किसी की इज़्ज़त करना मेरी फ़ितरत नहीं, अपना सर झुकाना मेरा मिज़ाज नहीं।
3. जब भी मुझे देखो, मुस्कुरा देना, क्योंकि मैं तुम्हें हँसाने के लिए पैदा हुआ हूं।
#विचार
Anis Kumar
#janmashtami श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष
श्री कृष्ण जी! आपके जन्मदिन पर मैं आपको बधाई देता हूं। आपने अपने जीवन में कई महान कार्य किए - आपने पूतना को मारकर उसका अहंकार तोड़ा, आपने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया, और आपने धर्म की रक्षा की।
आपका जन्म बहुत ही ख़ुशनुमा घटना थी - आपके जन्म के समय छक-छक कर बरसात हुई, और सभी लोग आनंदित थे। आपका बचपन भी बहुत मधुर था - आपने अपनी मां यशोदा का बहुत सम्मान किया, और अपने भाई बलराम और दोस्तों के साथ बहुत मस्ती की।
आपके चरित्र में बहुत सारे गुण थे जिनसे हम स #समाज
#janmashtami एक बार की बात है, गोकुल में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उस दिन सारा गोकुल खुशियों से भर गया था। नंद और यशोदा बहुत खुश थे कि उन्हें एक पुत्र रत्न मिला है।
जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो सारे ब्रजवासी उनका स्वागत करने आए। गोप-गोपियां तो बहुत खुश थीं, वे नृत्य करते हुए श्रीकृष्ण को देखने आईं। बछड़े, बकरियाँ सब उनके दर्शन को आए।
कंस के डर से श्रीकृष्ण को गोकुल से मथुरा ले जाया गया। वहां भी सभी ने उनका प्यार से स्वागत किया। श्रीकृष्ण ने अपनी मधुर लीलाओं से सबका दिल जीत लिया।
आज श्रीकृष #समाज#Khania#JanMannKiBaat
Anis Kumar
#kitaab श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर एक कहानी
एक बार की बात है, गोकुल में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उस दिन सारा गोकुल खुशियों से भर गया था। नंद और यशोदा बहुत खुश थे कि उन्हें एक पुत्र रत्न मिला है।
जब श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो सारे ब्रजवासी उनका स्वागत करने आए। गोप-गोपियां तो बहुत खुश थीं, वे नृत्य करते हुए श्रीकृष्ण को देखने आईं। बछड़े, बकरियाँ सब उनके दर्शन को आए।
कंस के डर से श्रीकृष्ण को गोकुल से मथुरा ले जाया गया। वहां भी सभी ने उनका प्यार से स्वागत किया। श्रीकृष्ण ने अपनी मधुर लीलाओं से सबक #कविता