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Ashok Mangal

सरकार गठन में हो रही अप्रत्याशित देर !
जनहित के निर्णय हो ही जायेंगे देर सबेर !!

ईवीएम से अगले चुनाव न ही लड़ें विपक्ष !
जो हो गया उसका रोना बंद हो अविलंब !!

सर्वोच्च तक भी संशय घेरे में समय न गंवाये व्यर्थ !
जन जन के मुद्दों के लिये सत्ता से लड़ जाय विपक्ष !!

जनान्दोलन जो भी उनमें ईवीएम का मुद्दा भी हो !
सिर्फ़ और सिर्फ़ ईवीएम के लिये जनान्दोलन ना हो !!

जनता के साथ खड़ा है विपक्ष ये साफ़ संदेश जाय !
जन हकों की बहाली से जनता के मन में बस जाय !!

'इंडिया' के सारे पक्ष मिलकर एक ही पक्ष बनायें !
जहां जिसका जितना समर्थन उसे उतने हक दिये जायें !!

एक नाम एक चुनाव चिन्ह, इंडिया मविअ जैसे संभ्रम मिटायें !
सीट बंटवारे के नियम बना सीट बंटवारा कर लिया जाय !!

उम्मीदवारों का चयन भी चुनाव घोषणा से बहुत पहले हो !
ताकि उम्मीदवारों का क्षेत्र में कार्य समय से बहुत पहले हो !!

मनी मीडिया मैनेज मेंट में सत्ता का कोई सानी नहीं !
विपक्षियों को दिलोंजां एकता बिना जीत हाथ आनी नहीं !!

अपनी अपनी मूंछों पे ताव देने का समय नहीं है ये !
मूंछों को कटने से बचाने की कोशिशें करने का समय है ये !!

- आवेश हिंदुस्तानी 1.12.2024

©Ashok Mangal #Sukha 
#JanhitKiRamayan 
#JanMannKiBaat 
#AaveshVaani 
#India #india🇮🇳 #india❤ 
#Politics

Ashok Mangal

विपक्षियों को विपक्ष नेता की भी नहीं मिली संधी !
नतीजों से इनकी राजनीति ही हुई चिंदी चिंदी !!

अब अनर्गल आलाप अविलंब बंद होना चाहिये !
राजनीति में पिछड़ गये हैं, ये मान लेना चाहिये !!

वंचित को दी होती कुछ सीटें तो मत विभाजन थमता !
अन्यो को भी साथ लेते, परिणाम अच्छा ही निकलता !!

ईवीएम का रोना पहले ही रोना चाहिये था !
एडवोकेट भानुप्रताप व प्राचा सर का साथ देना चाहिये था !!

सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल किया जाता !
रोजगार का विस्तृत मास्टर प्लान पेश किया जाता !!

उनसे हम क्या बेहतर करेंगे इस पे पूरा प्लान बताते !
लाड़ली बहन योजना से कुछ बेहतर बिसात बिछाते !!

लोकसभा की जीत ये पचा ही नहीं पाये !
विधानसभा भी सहज जीतेंगे इस अहंकार से मात खाये !!

मनोमिलन तीनों धड़ों का हो ही नहीं पाया !
हरेक ने अपनी अपनी सीटों पे ही ध्यान लगाया !!

ईवीएम दोषी है, आयोग ने भी जवाबदेही से नाता तोड़ा !
आयोग निष्पक्षता की कसौटी पर अपनी साख खो बैठा !!

राजनीति में साम दाम दण्ड़ भेद सभी का महत्व है !
जो जीता वही सिकंदर ये आदिकाल से चला कटु सत्य है !!

- आवेश हिंदुस्तानी 28.11.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#election #election_2024

Ashok Mangal

लोकतंत्र की धज्जियां, उड़ रही हर ओर !
चारों खंबे मिले जुले, लूट रहे चारों चोर !!

कलम को चारों ओर, दिख रहा अंधकार !
लुट रही जनता सारी, जनहित तार तार !!

जीना मुश्किल हो रहा, बजट बैठ ही न रहा !
रोज़गार लापता, पांच किलो बस मिल रहा !!

कमाना तो चाहत सारे, पढ़े लिखे फ़िरत मारे मारे !
अपराधियों के आज-कल, चहुँ ओर है वारे न्यारे !!

ईमान की कदर नहीं, भ्रष्टाचार का बोलबाला !
काम कोई भी हो तो, नोट और परोसो बाला !!

मिट चुका है जड़ मूल से, नैतिकता का नाम निशां !
रोज़ परोस रहे हैं जुआ, हर गली में उपलब्ध नशा !!

शादी की सोच घट रही, घट रही संतान की लालसा !
बुजुर्गों का सम्मान नहीं, घटा वृद्धाश्रम का फ़ासला !!

बुद्धिजीवियों की बुद्धि भी, डरी सहमी दुबकी है !
जिनमें भी हिम्मत थी उनकी जान तक जा चुकी है !!

जुल्मों सितम की पराकाष्ठा जब जब हुई ज़माने में !
उम्मीद की किरणें ओझल हुई जब कभी ज़माने से !!



युवाओं ने नए हौंसले से मुकाबले का बीड़ा उठाया है !
युवाओं का जोश और होश ही माहौल बदल पाया है !!

- आवेश हिंदुस्तानी 23.10.2024

©Ashok Mangal #IndiaLoveNojoto 
#AaveshVaani
#JanMannKiBaat 
#Politics

Ashok Mangal

जब तक रहेगी, जन जन में, जनहित प्रति बेरुखी !
नेता मौज मनाते रहेंगे, जनता रहेगी दुखी की दुखी !!

लाखों बच्चों को चुराया जा रहा, अस्मत लूटी जा रही !
न बच्चें खोज रहे, न दुष्कर्मियों को फाँसी दी जा रही !!

कमाया तो देना आयकर, खर्च किया तो देना जीएसटी !
फुटपाथ चलने को नहीं मिलती, हफ्तों पे है अतिक्रमित !!

निजी स्कूलों में लूट है, चिकित्सा में भी लूट की छूट !
मेडिकल शिक्षा के लिये तो करोड़ों तक लिये जाते लूट !!

खबरों में राजनीति चलती, जनप्रश्नों का ज़िक्र नहीं !
ऐसा हो रहा क्यूंकि, जन को भी इनकी फ़िक्र नहीं !!

क्लिष्ट 'कर' कानून और आये दिन के बदलाव !
सरकार चाहती ही नहीं कम हो इनका तनाव !!

न्याय-पुलिस तंत्र में कई ज़रूरी सुधारों पर अमल नहीं !
बग़ैर इन सुधारों के, इनसे उम्मीदें प्रतिफल नहीं !!

घरानों की उँगलियों पे थिरक, इतर रही राजनीति !
बाजारू पत्रकारिता इनके अंगने थिरकने मचलती !!

यू ट्यूब भी लालच तहत वीडियो लंबा करते जाते !
ख़ालिस झूठे शीर्षकों से गुमराही से बाज न आते !!

जनता जागे बिना ये हालत नहीं बदलेंगे !
दिन ब दिन ये हालत बद से बदतर बनेंगे !!

आवेश हिंदुस्तानी 13.10.2024

©Ashok Mangal #GoodMorning 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

ना जनता सुधरती है ना नेता सुधरते हैं,
इसीलिये आज़ादी में गुलामी से दिन दिखते हैं !
जनता वोट बेच के राजी है नेता वोट खरीद के,
यानि दोनों मिलकर आज़ादी की अस्मत से खेलते है !!

जान निछावर कर गये जो, मुल्क आज़ाद कराने को,
सोच रहे होंगे, दी कुर्बानियां, क्या आज़ादी बेच खाने को ?
हम निर्लज्जता ओढ़ बिछा फिरंगियों के चंगुल में हैं,
बेहूदा पोशाक, दिन रात मोबाइल, सब है हमें बरगलाने को !!

फार्मा ने अपना जाल बिछा हमारे घरेलू इलाज से दूर किया,
कई गुना मुनाफ़े वाली दवाइयों के सेवन को मजबूर किया !
कैंसर जैसे रोग घर घर में पहुंचाने बिछाया प्लास्टिक का जाल,
हज़ारों के इंजेक्शन का दाम करोड़ों में वसूल किया !!

शेयर बाजार हो या हो हमारी फ़िल्में,
पाश्चात्य अनुकरण से कोई अछूता नहीं इनमें !
युवाओं की नैतिकता पर भी दिन रात प्रहार,
आज़ादी के प्रहरी बनने कोई तैयार नहीं इनमें !!

नेता लूटे, शिक्षा लूटे, लूटे धर्मगुरु और अस्पताल,
घर घर के बजट का बिगड़ता जा रहा सुर ताल !
अदालतों को भी किया आम पहुँच से बाहर,
अपराधियों की है नेताओं संग कदमताल !!

हे राम...

- आवेश हिंदुस्तानी 6.10.2024

©Ashok Mangal #navratri 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

लगातार बढ़ रहे हैं देशभर में बलात्कार !
पांच से पचासी साल तक हो रहे इसके शिकार !!

संसार से बिदा हो गये सारे संस्कार !
पाश्चात्य अनुकरण से उजड़ रहे घर परिवार !!

हर बुरी आदतों में देश को धकेला जा रहा !
जुए के विज्ञापनों में हर नामचीन नजर आ रहा !!

दारू गुटका छोड़, ड्रग्स प्रचलन पांव पसार रहा !
सीधे जुए से बचे हुओं को क्रिकेट सट्टे में लाया जा रहा !!

एटीएम लूटे जा रहे, वाहन तोड़े जा रहे !
बेरोजगारी के परिणाम उभर के आ रहे !!

खून कच्ची उमर वालों से करा रहे !
तरुणाई के सहारे 3 साल जुवेनाइल में गुजरवा रहे !!

छुड़ाने के बाद अपराध जगत में पैर जमा रहे !
काले कारनामों से जल्द से सफ़ेद पोश नेता बन जा रहे !! 

इसी चक्रव्यूह में फंस आज़ादी कसमसा रही !
जनता गुलामी से बदतर जीवन को मजबूर नजर आ रही !!

युवाओं से उम्मीदों पर मोबाइल पानी फ़ेर रहा !
सड़कों पर भी युवा मोबाइल ही देख रहा !!

आगे पीछे देखने भर को नहीं राजी !
रूह तक लहू-लुहान बलिदानी जिन्होंने अनमोल जान लगादी !!

आवेश हिंदुस्तानी 29.09.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani #JanMannKiBaat

Ashok Mangal

सासुओं ने बहुओं पे सालों साल ज़ुल्म ढ़ाया,
सास ने ख़ुद सहे जुल्मों के बदले बहू को सताया !
अशिक्षित को गुलाम व अर्द्धशिक्षित को नौकरानी,
कामकाजी पे भी बचे समय में घर काम का बोझा ढ़ाया !!

परिणामस्वरूप बहुओं ने बाज़ी पलट दी अब,
उच्चशिक्षा ग्रहण करने की कोशिशें कर रही सब !
पुरुषों से आगे निकलने की लगी है होड़,
जड़ मूल से मिटा रही जुल्मों सितम का सबब !!

जिन सासुओं परिस्थितियों से किया नहीं समझौता,
पुत्र का तलाक़ हुआ या खुद हुई वृद्धाश्रम को बिदा !
शादियाँ भी खानापूर्ति बन कर रह गई,
युवतियां शादी के नाम से ही होती घरवालों से ख़फ़ा !!

शादी सभ्य स्वस्थ सुदृढ़ समाज की है नींव,
शादी से ही सम्भव है धरती पर इंसानी जीव !
लालन-पालन से संस्कारों का संचार होता,
आज का विकृत समाज इस मुद्दे पे नहीं संजीद !!

समाज़ के सभ्य संपन्न निस्वार्थी वर्ग ने एकजुट होना है,
इस परिस्थिति से बाहर निकलने का पर्याय खोजना है !
तभी सिर्फ़ तभी हमें संस्कारी समाज के दर्शन सम्भव, 
जब तक न सुधरे परिस्थितियां, चैन से नहीं बैठना है !!

- आवेश हिंदुस्तानी 29.09.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

White नदियों में गंदे नाले छोड़कर कर रहे प्रदुषित !
सफाई के नाम, जनकोष उड़ाने में सारा ध्यान है लक्षित !!

सड़क सतह लगातार बढ़ा, घरों दुकानों में मैला पानी घुसा रहे !
सड़कों की गुणवत्ता कमजोर रख, खड्ड़े बढ़ाते जा रहे !!

घूसखोरी और राजनीति से अवैध निर्माण बढ़ा रहे !
जब फिर लगी भूख, तो कानून आड़ ले फिर से धन उगाह रहे !! 

नेताओं में अक्ल और जनहित नीयत की है कमी !
जो भी अक्ल है उसमें उगाही की सोच ही सर्वोपरी !!

अधिकारियों में अक्ल की नहीं है कमी !
बदली हो जाने के डर से उन्हें करनी पड़ती इनकी गुलामी !!

परिणामत: जनकोष जनहित बजाय स्वहित में हो रहा स्वाहा !
नेताओं की बिनबात पत्तलकारों द्वारा जारी रहती वाह वाह !!

- आवेश हिंदुस्तानी  27.09.2024

©Ashok Mangal #Hope 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

अधिकांश देशवासियों को महंगाई बेरोजगारी सता रही है !
जो इससे बच पाये हैं उनके समय की बरबादी की जा रही है !!

अनचाहे फोन दिन भर सताते हैं !
चैन से दो मिनट भी हम जी नहीं पाते हैं !! 

साइबर क्राइम का खतरा भी मंडरा रहा है !
बैंक वाला भी फोन करने से बाज नहीं आ रहा है !!

कानूनी बदलाव यू ट्यूब पर दिन रात आते हैं !
यू ट्यूब शीर्षक मजकूर से मेल ही नहीं खाते हैं !!

केवाईसी बार बार लिया जाता है !
डाटा लीक करके बेच दिया जाता है !!

जब कभी ये साइबर क्रिमिनल के हाथ लग जाता है !
वो फोन पे लीक डाटा के सहारे विश्वास जुटा, ठगता जाता है !!

साइबर क्रिमिनल को हजारों सिम बेचे जाते हैं !
सच्चे ग्राहकों से फोन वाले बार बार केवाईसी जुटाते है !!

कुत्तों के काटने की लाखों घटनाओं का आंकड़ा न थमता है !
सड़क पे छोड़ो, सोसाइटी में चहलकदमी में भी डर लगता है !!

कैंसर कारक पदार्थ धड्डले से बेचे जा रहे है !
जानलेवा बीमारी में हम अपने अजीजों को गंवा रहे हैं !!

पदपथ अतिक्रमित है हफ्तों की वसूली के कारण !
बाज़ार पैदल जाने में भी समय व्यर्थ होता है इसी कारण !!

गाड़ी से जायें तो ट्रैफिक जाम समय खाता है !
इन सभी कारणों से तनाव बढ़ता जाता है !!

सारांश ये है कि हम काम करने की शक्ति घटा रहे हैं !!
अस्सी करोड़ को थमाया, और बीस तीस करोड़ को थमाना चाह रहे हैं !!

आजादी हाथ में कटोरे के लिए नहीं जुटाई गई है !
बलिदानियों के खून से सिंची आजादी स्वाभिमान के लिए पाई है !!

नई पीढ़ी मोबाइल जुए सट्टे नशे पत्ते अपराध से बच नहीं पा रही !
पुरानी पीढ़ी की हिम्मत जवाब दिए जा रही !!

राजनेताओं का जन ज्वलंत प्रश्नों से सरोकार ही नहीं !
देश का भविष्य चक्रव्यूह में न फंसे, ऐसी मंशावाली कोई सरकार नहीं !!
आवेश हिन्दुस्तानी 03.08.2024

©Ashok Mangal #Freedom 
#leaders 
#AaveshVaani 
#JanMannKiBaat

Ashok Mangal

अनेक बाबाओं की शौहरत बढ़ी दिन दूनी रात चौगुनी !
त्राहि त्राहि जनता को चटाते ये अंधविश्वास की चाशनी !!

लाखों की भीड़ जुटा तेजी से जमा कर लेते अकूत संपत्ति !
आयकर छूट लाभ ले, संपत्ति में होती जल्दी जल्दी वृद्धि !!

भीड़ को देख नेताओं की टपकने लगती लार !
इन बाबाओं के कदमों में होता राजनैतिक संसार !!

राजनीति के दाव उलटे पड़ने पर ही होती इन्हें जेल !
फिर चल पड़ता दे लेकर बारंबार पैरोल का खेल !!

जनस्वास्थ्य की मिलावटी खाद्यों से की जाती ऐसी तैसी !
लागत से दस बीस गुने दामों पे होती दवाओं की आपूर्ति !!

जब आमजन की औकात से बाहर रचता इलाज का रास !
वो इलाज हेतु पहुंच जाता किसी न किसी बाबा के पास !!

आमजन अंधविश्वास के जाल में आसानी से फंस जाता !
भावनाएं चरम पे पहुंचने पर हाथरस सा हादसा घड़ जाता !!

मिलीभगत से कई मामले किए जा चुके हैं रफा दफा !
बाबाओं नेताओं का रहता ही है चोली दामन का रिश्ता !!

देश बरबादी के कगार पर इसीलिए पहुंच रहा !
क्योंकि इंसान अपना भला बुरा ही नहीं समझ रहा !!

भोली भाली जनता के हकों के साथ हो रहा खिलवाड़ !
जनता समझ गई जिस दिन, लेगी हर जुल्म का हिसाब !!

आवेश हिन्दुस्तानी 5.07.2024

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