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kalamkaar6260
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कलमकार

खोज में इश्क की मत निकल गालिब यहां सारे नादान रहते हैं..

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कलमकार

कितना और परखोगे तुम मुझे
क्या मैंने तुम्हें चुना इतना काफी नहीं ..
-कलमकार #footsteps #kalamkaar
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कलमकार

#MyPoetry आजादी के नाम पर तुम बदनाम करते आदमी

#MyPoetry आजादी के नाम पर तुम बदनाम करते आदमी

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कलमकार

पढ़कर लिखना, लिखकर पढ़ना।
कपोल-कल्पना में न उलझना।।
पढ़ लिखकर बनोगे महान
 इस भ्रम से तुम दूर ही रहना
अच्छे बनोगे तुम इंसान।
तभी कहलाओगे महान।
करोगे तुम सबका सम्मान।
सबके दिल में तुम्हारा नाम।
समझ समझकर समझ से पढ़ना।
पढ़कर समझ से समझ को पढ़ना।।
-तन्मय #Success
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कलमकार

हाँ क्या लिखूँ??
(अनुशीर्षक में पढ़िए) 
--ध्रुवार्थी तन्मय #lockdown3 हां क्या लिखूँ?  क्या लिखूँ?? 
कहने को कुछ है, मगर सबकुछ नहीं।
सहने को सहजता है , मगर शक्ति नहीं।
आसमां में गर्जना है, छलकती बारिश नहीं।
सूरज की ज्योत है, मगर किरण नहीं।
कहीं खाने में व्यंजन अनेक प्रकार ।
 मगर देखने को सूखी रोटी नहीं ।
कूलर की हवा है,मगर देखने को कूलर नहीं ।

#lockdown3 हां क्या लिखूँ? क्या लिखूँ?? कहने को कुछ है, मगर सबकुछ नहीं। सहने को सहजता है , मगर शक्ति नहीं। आसमां में गर्जना है, छलकती बारिश नहीं। सूरज की ज्योत है, मगर किरण नहीं। कहीं खाने में व्यंजन अनेक प्रकार । मगर देखने को सूखी रोटी नहीं । कूलर की हवा है,मगर देखने को कूलर नहीं ।

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कलमकार

अपने में रम जाना अच्छा है. 
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों रिश्ते तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से अगर बिगड़ती हों दूरियां तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ती हों नफरतें तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से बिगड़ती हों गफलतें तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ती हों कषाय तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों अरमान तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों भाव तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों ख्याल तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों संस्कार तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से बिगड़ती हों बातें तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
कुछ कहने से अगर बिगड़ते हों हालात तो कुछ न कहना अच्छा है।
कुछ कहने से बिगड़ते हों मिजाज तो कुछ न कहना अच्छा है।
तो फिर अपने में रम जाना अच्छा है..
 तो फिर आतमपन पाना अच्छा है..

ध्रुवार्थी तन्मय #lockdown3
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कलमकार

khushmuna ehsaas hai 
har ghari irshaad hai
pana agr zindagi hai
Zeena ek mulakat hai..
suprabhat
-kalamkaar #Morning #kalamkaar #nojoto
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कलमकार

World Book Day   Priy Puskat!
kaho kasi ho, aaj ke samay me tumhe kitne hain jo bhav dete hai, tumhe padh kr aaram dete hain?? sochate hai tumhare liye ya bin padhe yuhi viraam dete hain??

ab tum hamari guhar suno, apni tum baad me kah lena..
Bachpan me jab koi nahi hota tha, tab sirf tum hoti thi, sunane wa sunne ko sirf tum hoti thi, haan! samjhta tab nahi tha me tumko thik se pr dost jaise pass rakhta tha, bigh na jao tumhe isliye sath rakhta tha, tum sahara bano isliye padh kar aram deta tha.. priy pustak.. kaha gaye vo hmare bite din jab tumhe pdhne or likhne ko sochna nahi padta tha.. ??
kaha gye vo din jab sari khushiyan or gaflate tumse kahta tha.. 
tum ab bapas aa jao meri zindagi me kyuki tum hi thi.. sirf tum jo dard v g dono smjhti thi.. 
priy pustak! :) #world_book_day #bookby
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कलमकार

#nojotoseries
#nojotohindi
#nojotokahani
#nojotolove
#nojotoinspiretion
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कलमकार

तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो.. 
आंखों में नमीं, हसी लवों पर 
क्या हाल है, क्या दिखा रहे हो..
बन जाएंगे ज़हर पीते-पीते 
ये अश्क जो पीते जा रहे हो.. 
जिन जख्मों को वक्त भर चला है
तुम क्यों उन्हें छेड़े जा रहे हो
क्या गम है जो जिसको छुपा रहे हो..
रेखाओं का खेल है मुकद्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो.. 
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो.. 
©जगजीत साब #jagjit_singh
#nojotosongs
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कलमकार

उन सपनों ने भी घर बना लिया है जो कभी अपने घर के सपने देखते थे

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