हो कोई महफूज ठिकाना, तो बताओ मुझे।
बहुत टूट चुका हूं मैं, अब और न सताओ मुझे ।
शब - ए - इंतज़ार मेरा होता नहीं मुख़्तसर,
कैसे जी जाये ये बेजार जिंदगी कोई बताओ मुझे।
एक दौर था जब होता था खौफ अंधेरे का। #Heart#ghazal#SAD#poem#Shayari#shayeri#urdu#nojohindi#alfaaznaama