गांव की वह यादें,
बाग़ बगीचे की वह बातें,
वह खेतो की हरियाली
वह बारिश की बूंदे वह बहता नदियों का पानी
वह कागज़ की कश्ती,
वह फसलों का लहराना,
वह दोस्तों के साथ पेड़ो से फल तोड़ना
नवरात्रि, दुर्गा पूजा दंगल मेला #deveshnandsingh#devaquoteshindi#apekibaat#deveshshayari
Devesh nand Singh
ताल तलैया बाग बगीचे,
पोखर खेत खलिहान हैं
कहीं सुनाता मंत्र और घंटी,
और कहीं अजान है
शहद से मीठी बोली सबकी,
कहीं ऐसा स्वभाव न होगा
मेरे गांव जितना सुंदर कोई गांव न होगा
मिलना जुलना प्यार से रहना, #deveshnandsingh#devaquoteshindi#apekibaat#deveshshayari