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mamtaambedkar8134
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Writer Mamta Ambedkar

motivational kaviytri bahujan samaj sevika social activist faminist optimistic

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Writer Mamta Ambedkar

जो लोग कहते हैं 
औरत का कोई घर नहीं होता सच तो ये है 
बिना औरत का कोई घर ही नहीं होता हैं 

औरत के क़दम है जो आँगन में आते ही,
हर कोने को अपनी महक से सजाती है।

हंसती है, रोती है, ख़ुशियाँ बाँटती,
हर ग़म को अपनी मुस्कान में छुपाती है।

माँ, बेटी, बहन, पत्नी बनकर,
हर रिश्ता निभाती है औरत 

हर दिल में जगह बनाकर,
घर को स्वर्ग बनाती है औरत 

उँगलियों से सींचती है खुशियों की उमंग
छोटे-छोटे लम्हों में भरती हैं रंग बिरंगे पल

परछाइयों में उसकी छवि रहती हैं 
वो तो हर साँस में बसती है, खिलती है।

तो कहने वालों, सुन लो ये बात,
औरत का अस्तित्व ही घर की सौगात।

सच तो यही है, इससे ही महकता घर आंगन 
बिना औरत के सुना है बच्चों का आँचल।

©Writer Mamta Ambedkar #Tuaurmain  प्यार पर कविता कविताएं हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेम कविता

#Tuaurmain प्यार पर कविता कविताएं हिंदी दिवस पर कविता कविताएं प्रेम कविता

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Writer Mamta Ambedkar

White दिल के राजा बनो 

किसी के इश्क में फकीर बनने से अच्छा है
 अपने दिल के राजा बनो जमाना पलकों पर बिठा कर रखेगा 
इश्क में फकीर बनने से अच्छा,
अपने दिल के राजा बनो,
फूलों से सजाओ हर ख्वाब को,
अपने आप को खुद की दुआ बनो।

रातों की नींद और चैन न खोओ,
किसी के इंतजार में यूं तड़पो न,
खुद को समझो, खुद को अपनाओ,
अपने ही दिल के शहंशाह बनो।

तन्हाई भी साथी बनेगी तुम्हारी,
जब खुद से प्यार करना सीखोगे,
पलकों पर जमाना सजाएगा तुम्हें,
जब अपने पैरों पर चलना सीखोगे।

किसी के इश्क में फकीर न बनो,
अपनी हिम्मत का वो चिराग बनो,
कि रोशनी खुद-ब-खुद फैले तुम्हारी,
हर रास्ता तुम्हारा गुलज़ार बनो।






इश्क अगर खुद से करोगे पहले,
दुनिया की भी महफिल तुम्हारी होगी,
तुम्हारे अपने दिल के राजा बनने पर,
जमाने की भी ताजपोशी तुम्हारी होगी।

©Writer Mamta Ambedkar #Sad_Status  देशभक्ति कविताएँ कविताएं कविताएं प्यार पर कविता हिंदी कविता

#Sad_Status देशभक्ति कविताएँ कविताएं कविताएं प्यार पर कविता हिंदी कविता

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Writer Mamta Ambedkar

White धूल की चमक

किसी ने धूल क्या झोंकी आंखों में 
पहले से बेहतर दिखने लगा 

किसी ने धूल क्या झोंकी आँखों में,
सच के आईने में सब साफ़ दिखने लगा।

जो था धुंधला-सा वो चेहरा मेरा,
अब और गहराई से समझने लगा।

वो फरेब जो छुपे थे निगाहों के पीछे,
अब हर झूठ का पर्दा गिरने लगा।

धूल ने जो भी छिपाया था मुझसे,
वो असलियत मेरे सामने खुलने लगा।

धूल का परदा हटते ही,
दिल की आँखें खुलने लगीं,

जो दर्द सहन न कर सका मैं कभी,
वो ज़ख्म धीरे-धीरे सिलने लगीं।

धूल ने धोखे का राज़ बताया,
सच का साया अब पास आने लगा।

किसी ने झोंकी धूल आँखों में,
पर मैं पहले से बेहतर देखने लगा।

©Writer Mamta Ambedkar #GoodMorning  मोटिवेशनल कविता इन हिंदी मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स' मोटिवेशनल कोट्स हिंदी

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Writer Mamta Ambedkar

White यही जमाना है

रात अंधेरी, भोर सुहानी,
छिपा है इसमें, जीवन की कहानी।

चुपके से आई, ये ठंडी हवा,
लहरों में खोई, चाँदनी की छटा।

सितारों का मेला, ये नभ की चादर,
खामोशियों में बसी, एक मधुर बात है।

अंधेरों में छिपी, उम्मीद की ज्योति,
रात के बाद ही, आएगी रोशनी।

भोर का सूरज, लेकर नई सुबह,
हर पल की थकान, मिटाता मधुर तान सुनता

रात की गोद में, सोए सपने प्यारे,
सुबह की बाहों में, पाएं अब सहारे।

रात अंधेरी, भोर सुहानी,
यही तो सिखाती, जीवन की रवानी।

अंधेरे के बाद ही, आएगी रोशनी,
हर कठिनाई के बाद, मिलेगी कहानी।

©Writer Mamta Ambedkar #life_quotes  प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स 'हिंदी मोटिवेशनल कोट्स' मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी

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Writer Mamta Ambedkar

विद्वानो की किताबें

विद्वानों की किताबों में है ज्ञान का खज़ाना,
हर पन्ने पर बसा है अनमोल अफसाना।

बुद्धि का प्रकाश वहां चुपचाप सजा है,
पर पढ़ने को अब आँखों का सहारा छूटा है।

हर शब्द में गूंजती है अनुभव की गहराई,
पर नज़र की थकान ने कर दी दूरी बड़ी लंबाई।

कभी जो पन्नों से बातें होती थीं रोज़,
अब वो हसरतें रह गईं अधूरी सी खोज।

उन किताबों में छुपे रत्न तक पहुंचने की चाह,
पर आँखें अब थकन में कर देतीं आह।

दिल चाहता है फिर से वो पन्ने पलटें,
पर आंखों की रौशनी ही अब साथ नहीं चलती।

ज्ञान का खज़ाना अब भी वहीं रखा है,
पर आंखों की ये शिकायत हमें रोकती है।

शायद शब्दों का प्रकाश कहीं और से आएगा,
और फिर से मन के भीतर का ज्ञान जाग जाएगा।

©Writer Mamta Ambedkar #SunSet  कविताएं कविता कोश हिंदी कविता देशभक्ति कविता

#SunSet कविताएं कविता कोश हिंदी कविता देशभक्ति कविता

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Writer Mamta Ambedkar

स्त्री जीवन

एक पर्ची पर लिखा था
"अस्तित्व"
मैंने मां को लिख दिया..!

दूसरी पर्ची पर लिखा था
"व्यक्तित्व"
मैंने पिता को लिखा दिया..!

तीसरी पर्ची पर लिखा था
"कीमत"
मैंने घर को लिख दिया..!

चौथी पर्ची कुछ द्वंद्व से भरी थी
"संघर्ष"
मैंने आईना लिख दिया..!

आखिरी पर्ची पर लिखा था
"फ़ैसला"
मैंने स्त्री लिख दिया..!

©Writer Mamta Ambedkar #chaandsifarish  प्रेरणादायी कविता हिंदी प्रेम कविता देशभक्ति कविताएँ प्यार पर कविता हिंदी कविता

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Writer Mamta Ambedkar

किताबों पर धूल 

किताबों पर धूल जम जाने से
कहानियां खत्म नहीं होती,

वे पन्नों के बीच छुपी हुई
अब भी ज़िंदा होती हैं।

अधूरी सांसें, बिखरे ख्वाब,
और उन लफ्जों का वजूद,

हर एक अक्षर में बसे होते हैं
सदियों के अनगिनत राग।

धूल का ये पर्दा शायद
छुपा ले कुछ यादों को,

पर जब कोई हाथ बढ़ाता है,
हर किरदार फिर मुस्कुराता है।

कभी एक बच्चे की आंखों में
सपनों की नई चमक सी,

तो कभी किसी बूढ़े के मन में
बीत चुकी बातें फिर से ताज़ा सी।

किताबें यूँ ही नहीं मिटती,
उनमें दर्ज होती हैं ज़िंदगियाँ,

जो वक्त की गर्द में भी
हमेशा अनसुनी, अनछुई रहती हैं।

कहानियां खत्म नहीं होतीं,
वो बस इंतज़ार करती हैं,

एक नए सफर, एक नई आँख,
और एक नए मन की।

©Writer Mamta Ambedkar #Parchhai  हिंदी कविता मराठी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता प्यार पर कविता

#Parchhai हिंदी कविता मराठी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी देशभक्ति कविता प्यार पर कविता

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Writer Mamta Ambedkar

White जिंदगी की राहें 

कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, 
वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी।

फिर ढूँढा उसे इधर उधर, 
वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी।

एक अरसे के बाद आया मुझे करार, 
वो सहला के मुझे सुला रही थी।

हम दोनों क्यूँ खफ़ा हैं एक दूसरे से, 
मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी।

मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया 
कम्बख्त तूने, 
वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले 
तुझे जीना सिखा रही थी।🥀🥹

©Writer Mamta Ambedkar #Sad_Status  प्रेम कविता कविताएं हिंदी कविता हिंदी कविता कविताएं

#Sad_Status प्रेम कविता कविताएं हिंदी कविता हिंदी कविता कविताएं

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Writer Mamta Ambedkar

White अपनों के जाने का दुःख क्या होता,
कोई समझ नहीं पाता।

दिल के टुकड़े टूट कर बिखरते हैं,
पर दुनिया बस देखती जाती है,

सुनने वाले बहुत मिलते हैं,
पर समझने वाला कोई नहीं आता।

वो आवाज़ जो कानों में गूंजा करती थी,
अब खामोशी में खो सी जाती है।

उनके कदमों की हलचल जो घर भर में थी,
अब सन्नाटों में सिमट जाती है।

यादों के साये में दिन गुज़रते हैं,
रातों में आंसू बहा जाते हैं।

कभी लगता है जैसे वो पास हैं,
फिर अचानक एक खालीपन आ घेरता है।

उनकी बातें, उनकी हंसी,
बस यादों का सिलसिला बन जाती है।

वो लम्हें जो हमने संग बिताए,
अब सिर्फ यादें बनकर रह जाते हैं।

सच है, अपनों के जाने का दुःख,
शब्दों में कह पाना आसान नहीं।

दिल पर बोझ सा बन कर रह जाता है,
उनकी जगह कोई और ले नहीं पाता है।

बस उनकी यादों में खोकर,
जीवन का ये सफर यूं ही चलता है।

I miss you चाची 😢😢

©Writer Mamta Ambedkar #sad_shayari  कविता प्यार पर कविता कविताएं कविता कोश हिंदी कविता

#sad_shayari कविता प्यार पर कविता कविताएं कविता कोश हिंदी कविता

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Writer Mamta Ambedkar

कबीर साहब की रचनाओं में ब्राह्मणों को चेतावनी देने वाले कई दोहे और कविताएँ मिलती हैं, जहाँ वे पाखंड, आडंबर और जातिगत भेदभाव का विरोध करते

ब्राह्मण को चेतावनी

पढ़े-लिखे जो ब्राह्मण कहाए,
अज्ञान से जग को भरमाए।
गुरुता का बाना धर करके,
माया-मोह में फँसते जाए।

कहे कबीर सुनो भाई साधो,
जाति-पांति का फेर न साधो।
सत्य का मर्म जो पाएगा,
वही परम पद पा जाएगा।

मंदिर में दीप जलाए बैठा,
अंतर का तम मिटा न पाया।
ग्रंथ पढ़े, पर अर्थ न समझा,
सत्य से कोसों दूर ही रह गया।

कर्म से ऊपर जात नहीं है,
मानवता ही सत्य का गहना।
साधु बने जो द्वार तुम्हारे,
उनका दिल भी साफ ही रहना।

कबीर कहे ज्ञान से जागो,
छोड़ो झूठे भेद अभागो।
परमपद को जो चाहे पाना,
मन में प्रेम का दीप जलाना।

कबीर जी के अनुसार, सच्चा ज्ञान किसी जाति-धर्म में नहीं बँधा होता। उनके संदेशों में इंसानियत, प्रेम, और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा है।

©Writer Mamta Ambedkar #Fire  हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता

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