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kavishivaadhura5264
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कवि शिवा "अधूरा"

बाद मुद्दत के पलट कर उसने देखा हमें, छोटा ही सही एक ख़्वाब मुकम्मल तो हुआ ।

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कवि शिवा "अधूरा"

आज का विचार 
इंद्रधनुष के सातों रंग समेटे,ये आसमान अकेला क्यूं है,
इस संसार में है भीड़ इतनी,फिर भी इंसान अकेला क्यूं है
खाली हाथ ही आना है,खाली ही हाथ जाना है,
तो दुनिया में प्यार इश्क मुहब्बत का झमेला क्यूं है।

©कवि शिवा "अधूरा"
  #swiftbird #यादें #love #life
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कवि शिवा "अधूरा"

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कवि शिवा "अधूरा"

आज का ख्याल

तारीफ़ उनकी मुझसे पूछते हो,    तो सुनो
झुमका उनका पूरा ताजमहल समेट लेता है

©कवि शिवा "अधूरा" #तारीफ #झुमका #ताजमहल
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कवि शिवा "अधूरा"

आज का ख्याल

चंद्र की चंचल किरणें कह रही है,
प्रेम  की  मधुर  बयार  बह रही है,

बाट जोह रही है,सजनी आज हमारी,
जैसे  कान्हा की राह, राधा  तक रही है

©कवि शिवा "अधूरा" #करवाचौथ #कान्हा #Love 
#KarwachauthFast
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कवि शिवा "अधूरा"

Alone Quotes In Hindi आज का ख्याल

आज फ़िर एक हसीन कयामत हो जाएगी,
तेरे दिल को भी धड़कनों से बगावत हो जाएगी,

सिर्फ़ रंगत, हंसी,अदाओं से प्यार नहीं होता,
इस *अधूरा* को पढ़ कर देखो,मुहब्बत हो जाएगी

©कवि शिवा "अधूरा" #दिल #अधूरा #प्यार #इश्क
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कवि शिवा "अधूरा"

आज का ख्याल

कुछ भी नहीं है यार, आस इस ज़माने से,
मिलता नहीं है प्यार, यहां दिल लगाने से,

लोगों पर ऐतबार,हमने करके देखा है,
मिलते हैं बस आंसू, किसी को हंसाने से ।

©कवि शिवा "अधूरा" #ज़माना 
#Sunrise
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कवि शिवा "अधूरा"

आज का विचार

शिक्षक सिर्फ एक शब्द नहीं,बहुत बड़ी परिभाषा है,
रेगिस्तान में भटकते को, जैसे एक बूंद की आशा है।
यही ज्ञान की ज्योत है,प्रेरणा का यही स्त्रोत है,
हर कोई समझ ले जिसे,इतनी सरल ये भाषा है।।

©कवि शिवा "अधूरा" #Teachersday 
#Teachersday
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कवि शिवा "अधूरा"

आज का ख्याल

लिख रहा हूं कि,कितना कर्ज़ चुकाना है,
तेरी याद और चाय का हिसाब पुराना है।

चलो गुफ्तगू का सिलसिला करें शुरू फिर,
दिल में है गुबार कितना,ये भी तो दिखाना है।

आशिक करते हैं लाख दावे,रहने को दिल में,
तेरे घर के सामने का नुक्कड़ ही,मेरा ठिकाना है।

जी करता है लिखूं,किताबे दास्तां अपनी,
मगर चंद अल्फाजों का,तेरा- मेंरा फसाना है।

©कवि शिवा "अधूरा" #चाय #हिसाब 
#IFPWriting
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कवि शिवा "अधूरा"

आज का विचार

जवानों को लड़ते कई जंग मैनें देखे हैं,
तिरंगे में तीन नहीं,पांच रंग मैंने देखे हैं ।

जवानों की शहादत की मिशाल क्या दूं,
जिस्म में लिपटे तिरंगे, संग मैंने देखे हैं।

आज के नौजवानों का जुनून ठंडा है,
कई करतब इनके बेढंग मैंने देखे हैं।

आज़ादी का जश्न जो मना रहे आज हम,
कितनी जमीनों पे लहू के रंग मैंने देखे हैं।

काफिरों के सर जिसने धड़ से अलग किए,
सरहदों पर वो जवान, मलंग मैंने देखे हैं।

©कवि शिवा "अधूरा" #वीर_जवान #लहू 

#Independence
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कवि शिवा "अधूरा"

आज का ख्याल

तुम्हें खिलती हंसी लिखूं,या मेरे दिल का गम,
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम l।

तुम खुशबू हो तुम साज हो,तुम मेरा कल और आज हो,
तुम गीत हो तुम राग हो, हो हकीकत तुम या कोई राज हो,
तुम्हें दिल का ज़ख्म लिखूं या लिखूं मरहम 
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम ।।

तुम रूप हो तुम रंग हो, मुक्त गगन में उड़ती पतंग हो,
तुम धड़कन हो तुम सांस हो, जैसे हर पल मेरे संग हो,
बारिश की बूंद लिखूं या लिखूं शबनम,
कमबख्त तुम्हें पहचानती नहीं मेरी कलम ।।

©कवि शिवा "अधूरा" #कल #कलम #प्रेम 
#Roses
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