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M.K Meet
White सच्चाई, चंचलता, चपलता, मासुमियत प्यार और बकबक... अगर सबको मिलाकर एक कर दिया जाएं तो,वह तुम थें !! जो मेरे दिल के करीब थे !! . ©M.K Meet #Sad_Status तो वह तुम थे......
#Sad_Status तो वह तुम थे...... #कोट्स
read moreFuck off nojoto
तेरी महफ़िल से उठकर हम चले जाये अभी तुम कहो तो सही… विदा नही इस बार अलविदा कह जाये तुम कहो तो सही… ग़मों के साथी थे हम ख़ुशियाँ भी अपनी सौंप जाये तुम कहो तो सही… ©Arshu.... तेरी महफ़िल से उठकर हम चले जाये अभी तुम कहो तो सही… विदा नही इस बार अलविदा कह जाये तुम कहो तो सही…
तेरी महफ़िल से उठकर हम चले जाये अभी तुम कहो तो सही… विदा नही इस बार अलविदा कह जाये तुम कहो तो सही… #Shayari
read moreVic@tory
White हम भी कभी मुस्कुराया करते थे, ऊजालें मे शोर मचाया करते थे, उसी ने जला दी मेरे हाथों की लकीरें, जिस दीये को हम हवाओं से बचाया करते थे…. ©हिंदुस्तानी #हम हवाओं से बचाया करते थे….
Saurabh Raj Sauri
White हर जगह हर चेहरे मे, ये उसे ही ढूढ़ता हैं ये इश्क बिना जख्मों के, हार कहाँ मानता हैं कि बस लब्जों का खेल देख रहा हैं "राज" दिल की भावनाओं को ये नादान कहां जानता हैं ©Saurabh Raj Sauri नादान ☺️
नादान ☺️ #Shayari
read moreKuldeep KumarAUE
White गम तो थे कम थे क्या जो और मिल गए ©Kuldeep KumarAUE #weather_today गम तो थे कम थे क्या जो और मिल गए #kuldeepkumaraue #sad #Life
weather_today गम तो थे कम थे क्या जो और मिल गए kuldeepkumaraue sad Life
read morePrerna Singh
White किसी के लिए स्कूल तो किसी के लिए आईना थे हम, कोई पढ़ लिखकर निकल गया तो कोई संवर के निकल गया! ©Prerna Singh #rainy_season किसी के लिए स्कूल तो किसी के लिए आईना थे हम, कोई पढ़ लिखकर निकल गया तो कोई संवर के निकल गया!
#rainy_season किसी के लिए स्कूल तो किसी के लिए आईना थे हम, कोई पढ़ लिखकर निकल गया तो कोई संवर के निकल गया! #शायरी
read moreNirankar Trivedi
White वो तो खुशी से जी रहे थे, हम मर गए उनकी उदासी देखकर। ©Nirankar Trivedi वो तो खुशी से जी रहे थे, हम मर गए उनकी उदासी देखकर। #Sad_shayri
वो तो खुशी से जी रहे थे, हम मर गए उनकी उदासी देखकर। #Sad_shayri #SAD
read moreDevesh Dixit
White आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे। मंजिल के रास्ते भी तो कच्चे न थे।। डगमगा रहे मेरे ये कदम बस यूँ ही। राह में मिले राहगीर तो सच्चे न थे।। भटकाया ऐसा मुझे मंजिल से मेरे। कहीं मेरे फैसले भी तो कच्चे न थे।। खैर फिर मुड़ चला मंजिल की ओर। अब देखा कि वो रास्ते तो अच्छे न थे।। कँटीली झाड़ियाँ बिखरी थीं जहाँ तहाँ। जाँच कर देखा वो कांँटे तो कच्चे न थे।। जब संभल कर रखा भी पैर इधर उधर। तब जाना मेरे जूते भी तो अच्छे न थे।। चटक चटक कर उखड़ रहे थे जहाँ तहाँ। मैं हैरान था मेरे जूते भी तो सस्ते न थे।। कहीं मिला मोची तो ठीक कराए मैंने। फिर उसने कहा ये जूते तो कच्चे न थे।। क्यों टूट गए ये जूते यूँ जगह जगह से। अब लगा आपके ये रास्ते तो अच्छे न थे।। किसी तरह पाया फिर मंजिल को मैंने। जबकि आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे।। ......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #आँधियों_के_इरादे_तो_अच्छे_न_थे #nojotohindi #nojotohindipoetry आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे। मंजिल के र
#आँधियों_के_इरादे_तो_अच्छे_न_थे #nojotohindi #nojotohindipoetry आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे। मंजिल के र #Poetry #sandiprohila
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