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Ganesh Din Pal
White इंसान समय से पहले बूढ़ा हो जाए तो समझ लेना उसे अपनों ने और अपनी जिंदगी ने बहुत दुख दिए हैं, जब वह किसी के लिए रात दिन खटता है और फिर सुनने को मिलता है कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन दीमक की तरह खाने लगती हैं। ©Ganesh Din Pal #इंसान बूढ़ा क्यों होता है
#इंसान बूढ़ा क्यों होता है
read moreनवनीत ठाकुर
क्यों ज़िंदगी में ऐसे फ़ैसले कर रखे हैं, क्यों इतने बंधन पाल रखे हैं। इतनी लानतें बर्दाश्त करते हैं हम, जो हमारी इज़्ज़त पर रोज़ हमला करती है। रोज़ जूता मारती है ज़िंदगी मुँह पर, फिर भी हम उसे ख़ामोशी से सहते जाते हैं। ©नवनीत ठाकुर #क्यों बंधन पाल रखें हैं
#क्यों बंधन पाल रखें हैं
read moreneelu
White हम क्यों भुलाना चाहते हैं कि हम क्यों चल रहे हैं हम क्या क्या कह रहे हैं क्यों रावण जला रहे हैं हम क्यों अंधेरे के लिए जला रहे हैं ©neelu #diwali_wishes हम #क्यों #भुलाना चाहते हैं कि हम #क्यों चल रहे हैं हम क्या #क्या कह रहे हैं क्यों #रावण #जला रहे हैं हम क्यों #अंधेरे के
नवनीत ठाकुर
White "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।" "तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा, फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।" "जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है, फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।" "ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो, फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।" ©Navneet Thakur #"आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोन
#"आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोन
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
रंडियों को क्यों समझा रहे हो! बाबा जी ये साली कुतिया हराम की बच्ची खुद को पढ़ी लिखी समझती हैं! रण्डी की पैदाइश!
read moreSuhana safar
White एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है किसी का साथ किसी की मुस्कुराहट चांद की चांदनी का बहुत खूबसूरत लगना एक ही इंसान में सब कुछ मिल जाना वह पहली बार मिलना बहुत सारी बातें करना दिल खोल कर रख देना वह अंदर ही अंदर खुश होना दिल के सारे दर्द किसी अपने को बता देना यह कहना कि तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है तुम हो तो मेरी हर खुशी है एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है...…. ©Suhana safar आखिर क्यों... #justthought
आखिर क्यों... #justthought
read moreShiv Narayan Saxena
सफल हो या असफल हो , प्रयास कभी न विफल हो जो भागे छोड़ कर मेहनत , जय का अधिकारी क्यों हो ©Shiv Narayan Saxena जय का अधिकारी क्यों हो?
जय का अधिकारी क्यों हो?
read moreVs Nagerkoti
White जिस दिन सामने वाला आपको सोचना समझना छोड़ दें उसी दिन आपको भी ये महसूस हो जता है कि कही तो कुछ अधूरापन है । कुछ तो है जो बदला बदला सा है। वक्त रहते आप भी उस इंसान से पीछा छुड़ा ले। दो नाव का मुसाफिर हमेशा किसी के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता हैं । ये दुनिया बहुत बड़ी है यहां किसी चीज की कोई कमी नहीं है । जहां एक खत्म तो दूसरी movie सुरु हो चुकी होती हैं। इस बात को समझे,,,,,, ©Vs Nagerkoti #sad_quotes बात सिर्फ समझने की है किसी बेवकूफ इन्सान की बदौलत अपनी ज़िन्दगी बर्बाद मत कारें ,,,,,,,,,, फिर चाहे वो कोई भी क्यों ना हो
#sad_quotes बात सिर्फ समझने की है किसी बेवकूफ इन्सान की बदौलत अपनी ज़िन्दगी बर्बाद मत कारें ,,,,,,,,,, फिर चाहे वो कोई भी क्यों ना हो
read moreHarpinder Kaur
White आदमी का स्वभाव है आदमी को महज़ खिलौना समझना जिसे वो इस्तेमाल करता है महज़ दिल बहलाने को दिल बहला लेने के बाद उसका खिलौना महज़ रह जाता है एक आधा, टूटा, बिखरा, सा खिलौना फिर उस खिलौने में दिलचस्पी खत्म होने पर आदमी ढूँढता है फिर एक नया खिलौना पुन: उसे टूटा बिखरा और अधूरा छोड़ने के लिए कितना छिछलापन है आदमी का आदमी होना वो पूर्णतः इंसान क्यों नहीं होता क्यों महज़ रहता है वो आदमी...... ©Harpinder Kaur # आदमी.... इंसान क्यों नहीं होता?
# आदमी.... इंसान क्यों नहीं होता?
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