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Anupama Jha
मैं तौलिया हूँ जनाब मुझसे क्या पर्दा कीजे, कभी अश्क़ तो कभी पसीना पोंछ लीजे, अरमानों की तरह कभी ओढ़ , तो कभी बिछा लीजे सुखाना आपके गीलेपन को यही मेरी फितरत ,क्या कीजे.. अनुपमा झा #तौलिया#towel #YQbaba#YQdidi
kumaarkikalamse
[कुमार सीख] गीला हो तौलिया तो बदन पोंछा नही करते, कुछ चीज़ों का सूखने के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए! #kumaarsthought #तौलिया #kumaarsher #सीख #कुमारसीख
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read moreJuhi Grover
टेढ़े मेढ़े रास्ते पे भी उम्मीद नहीं छोड़ते, लम्बी दौड़ लगाने से पहले कुछ देर रुकना चाहिए! #kumaarsthought #तौलिया #kumaarsher #सीख #कुमारसीख #YourQuoteAndMine Collaborating with Jai Kumaar
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read moreDeepak Aggarwal
मैं नहा🚿 कर निकलूँ और वो 👸तौलिया लेकर बोले इधर आओ बाल गीले हैं..उफ्फ ये 😘खयाल ..! #इश्क़❤️
मैं नहा🚿 कर निकलूँ और वो 👸तौलिया लेकर बोले इधर आओ बाल गीले हैं..उफ्फ ये 😘खयाल ..! इश्क़❤️
read moreSunil itawadiya
कामवाली बाई की छुट्टी की वजह से 🤣🤣🤣🤣 कैप्शन 👉 🤣🤣🤣🤣कामवाली बाई की छुट्टी की निशानी वो आंगन की भुरभुरी-सी सूखी मिट्टी वो फर्श पर पड़ी धूल पे चंद पांव के निशान
कैप्शन 👉 🤣🤣🤣🤣कामवाली बाई की छुट्टी की निशानी वो आंगन की भुरभुरी-सी सूखी मिट्टी वो फर्श पर पड़ी धूल पे चंद पांव के निशान
read moreHina Kumari my Instagram ID @Rakesh radhika sarda
कान्हा❤️❤️ 💞तलाशी ले लो.. मेरी निगाहों की.... मेरी ख़ताओं का पता चला जाएगा....💞 ..Rk ✍️....बस एक तेरी तस्वीर..🌄🙏 heena 🙏... छुपाई है मैंने.... उसके सिवा तुम्हें कुछ भी न मिल पाएगा.💞 💓 जय श्री कृष्णा जी 💓 Shri RadheKrishna 💞 जीना सिर्फ मेरे लिए 💞 @everyone ©Hina Kumari my Instagram ID @Rakesh radhika sarda #teatime 🇬🇧 इंग्लिश मुझे शुरू 🤦🏻 🙄 से ही समझ 🤔 नहीं आया... 🤔 जब T से काम चल 🤷🏻 💁🏻 सकता था तो 🤷🏻 💁🏻 ea धुसेड़ने 🙄 की क्या
#teatime 🇬🇧 इंग्लिश मुझे शुरू 🤦🏻 🙄 से ही समझ 🤔 नहीं आया... 🤔 जब T से काम चल 🤷🏻 💁🏻 सकता था तो 🤷🏻 💁🏻 ea धुसेड़ने 🙄 की क्या
read moreRakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
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