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Sonia

#Prem

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প্রবল উন্মাদনায় লিখছি দুই ছত্র
তোমাকে দেখার ইচ্ছা জাগছে যত্রতত্র।

নিকোটিনের ধোঁয়ায় পুড়ে যাচ্ছে ঠোঁট
তোমাকে দেখার জন্য দু’চোখ উৎসুক।

একি প্রেম নাকি তোমার ফাঁদ
আনন্দের মাঝেও কাঁদছে পূর্ণ চাঁদ।

এত যে প্রবল টান, শুধুই কি দেহ?
তোমার আমার রসায়ন, জানবে কি কেহ?

কত দিবস কত রজনী হয়েছে গত
প্রেম তো ঠিকই আছে পূর্বেকার মত।

ম্লান হয়নি কোথাও একটু হয়নি ফিঁকে
কি দেখো আর চোখে, চেয়ে আমার দিকে।

আমি তো সেই আগের মত যেমন আছে চাঁদ
এত দিনের পরিণয় পারবে কি দিতে বাদ?

জানি আমি, তোমিও, অটুট চির বন্ধন
তবে কেন দূরে, থামাও হৃদের ক্রন্দন।

©Sonia #Prem

RjSunitkumar

prem

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Vishwas Pradhan

#love_shayari hindi poetry urdu poetry #Jeevan #Prem #kavita Shayari #kahani

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White  उस चश्म को हम, आयतें-आफताब लिखते हैं।
रुखसार को,  रोशन-ए-महताब लिखते है।
इन ख्यालों में जिसकी तवज्जो है इतनी,
उस भ्रम को हम हुस्न की किताब लिखते हैं।

आंखों में डूबने को शबाब लिखते हैं ।
मयखाने की मल्लिका को शराब लिखते हैं।
नासाज़ कर दी जिसने जवानी ये मेरी,
उस नशे को हम दोपहरी-ख्वाब लिखते हैं।।२

इश्क एक-तरफा हो तो खराब लिखते हैं।
शायरों को अक्सर, ग़में-मिजाज लिखते हैं।
केवल जानकी वियोग का हिसाब रखने वाले,
मोहन तड़पें तो, प्रेम लाजवाब लिखते हैं।।३

एक अरसे तक चाहा, जिसे आज लिखते हैं।
महज़ शायरी नहीं, हम तल्ख़े-ताज़ लिखते हैं।
खुदगर्ज होना हो भले दस्तूर जमाने का,
आज भी अपने गीतों में, उसे ही साज़ लिखते हैं।।४

©Vishwas Pradhan #love_shayari  hindi poetry urdu poetry #Jeevan #Prem #kavita #Shayari #kahani

मलंग

#Prem

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White "चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं.,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं"...

महफ़िल में मुझे गालियां देकर है बहोत खुश., 
जिस शख्स पे मैंने बड़े बड़े एहसान किये हैं"...💔😌

©मलंग #prem

चाँदनी

#Prem

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White प्रेम मे इतना धर्य रखना की
कभी बद्दुआ ना देना


एक दिव्यता
हमारे अंदर भी घूमता रहता है


उसे बस प्रेम पता है

वो साँसों का छोड़ पकड़ कर
सब भाप लेता है

पर क्रूरता जो कुहक तक को
भेद के निकाल दे 

वो निरर्थक नही जाता

सोचना! दुआ और  बद्दुआ 
इंसानों के द्वारा रचा गया
ढकोसलापन है 


प्रेम ! तुम्हारे आरंभ से तुम्हारे अंत तक की यात्रा....

©चाँदनी #Prem
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