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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक भावनाएं . . विधा विचार . . #Trending #वास्तविकता #कवितावाचिका #wellwhisher_taru

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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित संस्कृत रचना शीर्षक मौनता . . विधा विचार . . #poem #suvichar #indianwriters #मृत_शैय्या

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Shiv Narayan Saxena

किसकी बेटी है हिन्दी? #Videos

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Kavi Himanshu Pandey

किसकी महफ़िल, जिस जिसने Hindi #beingoriginal #Poetry #nojotohindi

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Anjali Singhal

"सब कुछ रूहानी सा है, लफ़्ज़-लफ़्ज़ जो दिल की कहानी का है। ख़्याल भी रूहानी है ख़्वाब भी रूहानी, अनवरत बहता एहसास फिर किसकी रवानी का है! क #Poetry #AnjaliSinghal

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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वरचित रचना #tarukikalam #Quotes Poetry #Trending #Hindi Life #devotionally_spiritually_taru #शायरी

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Prakash Vidyarthi

White " विचारो में भिन्नता "

हम उस बंजर भूमि के प्राणि हैं जहां के 
लोगों को दूर के ढोल सुहांवन लगते हैं।

मेहफिले तो यहां भी सजी हैं और वहां भी सजी हैं 
पर किसी को नदी नही नाली ही मनभावन लगते हैं।।

बस  नज़र और नजरिए का अन्तर हैं हुजुर देखो तो 
किसी को सौ हंड्रेड तो किसीको फिफ्टी टू बावन लगते हैं

यहीं नहीं, सोचे तो ये उच्च नीच का भेद बड़ा अजीब है
 जो बुद्धि और विचारो से सब दुष्ट बामन लगते हैं।।

पॉलिटिक्स ताकत के पीछे ये दुम हिलाते करते हैं चापलूसी।
दूसरो को नीचा दिखाने में मिलती हैं इनको बहुत खुशी।।

नफरत की निगाह से यहां सब एक दूसरे को देखते हैं।
नियत की नियती कौन जानें फिर भी जालिम हाथ सेकते हैं।।

काश उनमें स्नेह होता भाईचारा होता 
तो विकाश की बहती पावन धारा होता।

प्रफूलित हों उठता सबका तन मन संघ
दरिया में डूबे तिनके का सहारा होता।।

पर गिरे हुए हैं कुछ असमाजिक तत्व लोग 
जो अक्सर गिराने में लगे हैं ख़ुद को भी

 औरों को भी करते हैं बेवजह अपमान ये
अपनो को छोड़ते नहीं कभी गैरों को भी ।।

कोई इन्हे लेवरचटवा धूर्त या चमचा भीं कहते हैं।
ये पढ़े लिखे भ्रष्ट कभी  किसी को भी मात दे देते हैं।

अगर समझो तो ये मिट्टी सोना है और सोना मिट्टी हैं 
ऐसे लोगों को चुंगुला अशिष्ठ व्यभाचारी बेलचा कहते हैं।।

बिगड़ा कुछ नहीं है यहां आपस की बस ताल मेल बिगड़ी हैं।
बड़े मियां छोटे मियां के चक्कर में पक रही जली भूनी खीचड़ी हैं।।

तू तू मैं मैं की होड़ लगी है अपना बनता जाए बस काम।
 ईमानदार सज्जन जाए भाड़ में बगल में छूरी मूख में राम।।

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी
               भोजपुर बिहार

©Prakash Vidyarthi #love_shayari #कविता #poetry #रचना

Matangi Upadhyay( चिंका )

किसकी फीलिंग्स से मत खेलिए 🤔 #matangiupadhyay Love #Life #SAD

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Kesh Karan nishad

## प्रभु की रचना##

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White संपूर्ण अवतार वाणी 
एक ज्योति है सबके अंदर नर है चाहे नारी है
शूद्र, वैश्य और ब्राह्मण क्षत्रिय एक की रचना सारी है

©Kesh Karan nishad ## प्रभु की रचना##

Rabindra Kumar Ram

" जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों " --- रबिन्द्र राम #अज़िय्यत -( प #शायरी

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" जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों 
उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों "

                    --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " जाने किसकी अज़िय्यत में हूं आखिर क्यों 
उसके तमाम हसरतों का मक़बूलियत हैं क्यों "

                    --- रबिन्द्र राम 
   #अज़िय्यत -( प
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