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theABHAYSINGH_BIPIN

#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से

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White बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से मैं ना घबराता हूँ।
हुंकार भरूंगा फिर से मैं,
संकल्प का फल मैं पाता हूँ।

वचन ही मेरा शस्त्र बना,
हर कदम पर धार लगाता हूँ।
हिम्मत मेरी कभी ना टूटे,
महादेव का ध्यान लगाता हूँ।

पक्की करती जीत मेरी,
जब ईश्वर का गुण गाता हूँ।
लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा,
संघर्षों का मैं आदि हूँ।

थकूंगा नहीं बिना जीत के,
विजयी विश्व का वासी हूँ।

©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो, डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ। गिरकर फिर से खड़ा, तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।

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तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो,
डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ।
गिरकर फिर से खड़ा, 
तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।

राहें कठिन हो, फिर भी रुकता नहीं ,
गिरते हुए भी खुद को सम्भालता हूँ,
 हार नहीं मानता कभी, 
हर हाल में जूझता ज़रूर हूँ।

हर चोट ने मेरी पहचान बनाई है,
जो गिरा, उसने उठने की कहानी सुनाई है।
राख से उगने की आदत है मुझमें,
जलकर भी खुद को जलाता ज़रूर हूँ।

मुश्किलें मुझसे हार मान जाती हैं,
मेरे इरादे हर मोड़ पर मुस्कुराते हैं।
ज़िंदगी के हर तुफ़ान को मैंने देखा है,
पर ख़ुद को हर बार आज़माता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 


तूफ़ान आए तो मेरा हौसला देखो,
डूबता हूँ, उभरता ज़रूर हूँ।
गिरकर फिर से खड़ा, 
तूफ़ानों से लड़ने का तरीका, ढूंढता ज़रूर हूँ।

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ, पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ। जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ, हर चोट ने मुझे और सश

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सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सशक्त किया, ज़रूर हूँ।

राहें कांटों से भरी हों, फिर भी चलता हूँ,
तक़दीर खुद की बदलता ज़रूर हूँ।

दूरियाँ चाहे जितनी बढ़ें मुझसे,
वो मेरी मंज़िल, फिर भी मेरे कदमों तक पहुँचता ज़रूर हूँ।

लहरों से डरकर मैं किनारे नहीं बैठता,
 तूफ़ान से भी टकराता ज़रूर हूँ।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
सूरज हूँ, हर शाम ढलता ज़रूर हूँ,
पर हर सुबह फिर से जलता ज़रूर हूँ।

जितनी बार गिरा हूँ, उतनी बार सीखा हूँ,
हर चोट ने मुझे और सश

parshu shayari

जब कोई बातों से आपाको चोट पहुंचाता है | #parshu #hearttouchingquotes Read More : - https://parshu-shayari.blogspot.com

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BAWA

कभी दिल पर चोट खाई कभी दिल को संभाला मोहब्बत भी एक खेल था हमने भी खेल डाला...

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Vinod Mishra

"चोट सीधे जाकर दिल को लगी है मानो कि कोई बड़ी लॉटरी लगी है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️ #ह्यूमर 😀

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