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Stories related to mohammad afroz nirbhaya

SURAJ SHARMA

Ana

#GoodMorning #rekhta #yqbhaijan #Trending #tum Love Rakesh Srivastava कवि आलोक मिश्र "दीपक" Pooja Udeshi (محمد ... Mohammad) Mr Ismail

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White चल रही थी जिंदगी जब तुम नहीं थे
तुमने आकर इसे इक मंज़िल दी हैं 

जान थी नफ़स थी क़ल्ब भी कहीं 
तुमने आकर रूह ए हासिल दी है

मानते है जान हम पूरे थे पहल भी
तुमने रंगों को एक नयी राहिल दी हैं 

उन गलियों जहां उम्मीद न थी जाने की
उन राहों को भी साहिल दी हैं

©Ana #GoodMorning #rekhta #yqbhaijan #Trending #tum #Love  Rakesh Srivastava  कवि आलोक मिश्र "दीपक"  Pooja Udeshi  (محمد ... Mohammad)  Mr Ismail

Mohammad Ali Malik 786

Mohammad Ali Malik 786

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Abubkar Mahboobi

Mohammad Ali Faizi ❤️ #Shorts #viral

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Abubkar Mahboobi

मदीना बुला लिजिए by Mohammad Ali Faizi #Shorts #short #Trending #viral

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Rohit NayaK

Mohammad Rakib life quotes in hindi shayari on life life shayari in hindi Kalki Aaj Ka Panchang

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Adv_Farman Ali

#Travelstories #love4life Dr Imran Hassan Barbhuiya Nazar Mohammad Arif (WordsOfArif) NASAR Ashraफ Ali (اشرف علی)

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Sharif

Sharif Mohammad

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Anand Kumar Ashodhiya

#Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश

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निर्भया - नई हरयाणवी रागणी 

वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं 
करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं 

मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया 
मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया 
मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया 
बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया 
इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं 

दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै 
लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै 
कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै 
घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै 
लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं

बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे
सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे 
हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे  
पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे  
आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं 

हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै 
औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै 
सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै 
तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै 
गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya #Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी  हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश
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