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Paramjeet Manav
जब चला जाऊंगा तेरी दुनिया के दर से मिलने आओगे तो मां के रोने की आवाज़ आएगी घर से 😭😭😭 मां के रोने की आवाज़ #sadshayari
मां के रोने की आवाज़ #sadShayari
read moreManu Raj
रोने की वजह ना थी हंसने के बहाना था क्यों हो गए हम इतने बड़े इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था रोने की आवाज आना थी हंसने का
रोने की आवाज आना थी हंसने का
read moreSunsa Kerapa
इश्क का बुखार ऐसे सर चढ़कर बोल रहा है ! इश्क का बुखार ऐसे सर चढ़कर बोल रहा है ! हर लड़की के रोने की आवाज में उसी को याद करके रोना आ रहा है ! -@sunsakerapa ( sk writes ) इश्क का बुखार ऐसे सर चढ़कर बोल रहा है ! इश्क का बुखार ऐसे सर चढ़कर बोल रहा है ! हर लड़की के रोने की आवाज में उसी को याद करके रोना आ रह
इश्क का बुखार ऐसे सर चढ़कर बोल रहा है ! इश्क का बुखार ऐसे सर चढ़कर बोल रहा है ! हर लड़की के रोने की आवाज में उसी को याद करके रोना आ रह
read moreAjay Prakash
🤫आँखे 😢 आँखे नम नही रखता मैं पर दिल के रोने की आवाज सुनाई दे रही हैं अजब दस्तूर हैं मोहब्बत का सब कुछ धुंधला धुंधला सा पर वो दिखाई दे रही हैं छुपाना चाहता हु मैं तेरी याद मे जग से रात भर जागने का राज भरी हुई नींदो से आँखे मेरी सब गवाही दे रही हैं ✍✍Ajpatir ✍✍ आँखे नम नही रखता मैं पर दिल के रोने की आवाज सुनाई दे रही हैं अजब दस्तूर हैं मोहब्बत का सब कुछ धुंधला धुंधला सा पर वो दिखाई दे रही हैं छुपान
आँखे नम नही रखता मैं पर दिल के रोने की आवाज सुनाई दे रही हैं अजब दस्तूर हैं मोहब्बत का सब कुछ धुंधला धुंधला सा पर वो दिखाई दे रही हैं छुपान
read moreAjay Prakash
आँखे नम नही रखता मैं.. पर जब आप उदास होते हो तो दिल के रोने की आवाज सुनाई देती हैं अजब दस्तूर हैं मोहब्बत का सब कुछ धुंधला धुंधला सा पर
read moresuman mishra (immature.writer__)
........................ एहा की हर एक चीज कितनी खूबसूरत हैं ना और कीमती भी जान परती है निधि सभी चीजों को ध्यान से देखते हुए बोलती है पर इतनी खूबसूरत जगह और इतने कीम
एहा की हर एक चीज कितनी खूबसूरत हैं ना और कीमती भी जान परती है निधि सभी चीजों को ध्यान से देखते हुए बोलती है पर इतनी खूबसूरत जगह और इतने कीम
read moreRimpi chaube
रात के 12 बजे मेरा दरवाजा खुला और जैसे एक अंजान सी आहट की अनुभूति हुई!अंधेरे में कमरे की हल्की रोशनी जो विचित्र सी आकृतियाँ दीवार पर उकेर रही थी! उन्होंने तो जैसे मेरे डर पर और गहरा आघात कर दिया!खुद को चादर में समेटे में सिमट गया!तभी पीछे के रोशनदान से कुत्तों के रोने की आवाज सुनाई दी!अब तो जैसे लगने लगा सच में कोई मेरे ऊपर हावी हो रहा था!मेरा पूरा शरीर पसीने से तर था!ऐसा लगने लगा जैसे किसी ने मुझे अपने शिकंजे मे जकड़ लिया है! ना आवाज निकल रही थी! ना हाथ-पैर ही काम कर रहे थे!लगा जैसे आज अँधेरे के इस सागर में कोई लील ही लेगा मुझे!इतने में बाहर से मां ने आवाज लगाई और मेरी नींद टूट गई!फिर समझ आया मैं एक सपना देख रहा था और मेरा डर ही था जो मुझपे हावी था! ©Rimpi chaube #डर 😨 रात के 12 बजे अचानक से मेरा दरवाजा खुला और जैसे एक अंजान सी आहट की अनुभूति हुई!अंधेरे में कमरे की हल्की रोशनी जो विचित्र सी आकृतियाँ द
#डर 😨 रात के 12 बजे अचानक से मेरा दरवाजा खुला और जैसे एक अंजान सी आहट की अनुभूति हुई!अंधेरे में कमरे की हल्की रोशनी जो विचित्र सी आकृतियाँ द
read moreVikas Sony
मुझे नहीं पता मैं क्या कर रहा हूँ, मुझे आके समझाओ ना मैं कहाँ गिर रहा हूं, आके मुझे बचाओ ना मेरी जिंदगी में अब अकेलापन ही है यारा, मुझे हंसना दिखाओ ना तुम भी रूठ कर बात करोगे तो मैं टूटता जाऊँगा, खुद से एक दफा अपने पास बुलाओ ना मैं तो वैसे भी सबसे दूर ही रहता हूँ, एक बार अपने गले से लगाओ ना सारी परेशानियां यूँ ही दूर हो जाएंगी, कभी मुझे अपना बनाओ ना मेरे दिल के एक कोने से हमेशा रोने की आवाजें आती हैं। अपने प्यार से एक बारी उनको चुप कराओ ना मुझे नहीं पता मैं क्या कर रहा हूँ, आके मुझे बताओ ना मैं सारे ग़म दर्द यूँ ही बयान कर जाता हूँ, ये दर्द भी मेरे शब्दों को अब समझाओ ना सारी खुशियां पल भर मे लौट आएगी, तुम एक बारी मुझे गले लगाओ ना. मैं कहाँ गिर रहा हूं, आके मुझे बचाओ ना..... मुझे नहीं पता मैं क्या कर रहा हूँ, मुझे आके समझाओ ना मैं कहाँ गिर रहा हूं, आके मुझे बचाओ ना मेरी जिंदगी में अब अकेलापन ही है यारा, मुझे हंसन
मुझे नहीं पता मैं क्या कर रहा हूँ, मुझे आके समझाओ ना मैं कहाँ गिर रहा हूं, आके मुझे बचाओ ना मेरी जिंदगी में अब अकेलापन ही है यारा, मुझे हंसन
read moreRituRaj Gupta
कहानी पलंग की :: मैं एक पलंग हूं । मेरे चार पैर मेरे जीने का सहारा हैं । मनुष्य का जीवन चक्र मुझसे ही जुड़ा है । जब एक बच्चा जन्म लेता है तो मुझे उसके रोने कि आवाज आती है । जब बच्चा बिस्तर गीला करता है तो मुझे गीलेपन का अहसास होता है । फिर वो बच्चा धीरे धीरे जब यौवन अवस्था में आता है तब मैं उसके शरीर में उमड़ती अंगड़ाईयों को महसूस करता हूं । मैं उसके जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव यानी सुहागरात में सिमटी चादर का गवाह हूं । जब फिर एक बच्चा जन्म लेता है तो फिर से मुझे रोने की आवाज आती है । पति पत्नी के लड़ाई झगडे़, प्यार मोहब्बत को क़रीब से महसूस करता हूं । जब वो दुनियां से रुखसत हो जाते हैं तब उस बच्चे का हो जाता हूं जिसने जन्म लिया था । पेश है एक कहानी पलंग की :: मैं एक पलंग हूं । मेरे चार पैर मेरे जीने का सहारा हैं । मनुष्य का जीवन चक्र मुझसे ही जुड़ा है । जब एक बच्चा जन्म
पेश है एक कहानी पलंग की :: मैं एक पलंग हूं । मेरे चार पैर मेरे जीने का सहारा हैं । मनुष्य का जीवन चक्र मुझसे ही जुड़ा है । जब एक बच्चा जन्म
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