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kumar ramesh rahi
White शीर्षक (बेटी) मेरी व्यथा यहाँ समझेगा कौन, देख रहा समाज, हो मूक मौन। आंखो से करते वो चीरहरण चौराहे पर, खड़ा कर दिया हर बेटी को दोराहे पर। बाबा उम्मीदें हमसे भी पालो तुम, गिर भी जाऊं हाथ पकड़ संभालो तुम। अपमानित न हो सके कोई द्रौपदी, गिरधारी बन भैया लाज बचालो तुम। ©kumar ramesh rahi हिंदी कविता #बेटी #हैवानियत #विनती #उम्मीदें #बाबा #समाज #जिम्मेदारी #लाज #गिरधारी #kumarrameshrahi
हिंदी कविता #बेटी #हैवानियत #विनती #उम्मीदें #बाबा #समाज #जिम्मेदारी #लाज #गिरधारी #kumarrameshrahi
read moreShiv Narayan Saxena
White फंसे जगत व्यवहार में, करते दीन पुकार। मेरे घर आओ प्रभु , कर करुणा विस्तार।। नाम बड़ा प्रभु आपका, सुनि आए दरबार। रखो लाज प्रभु नाम की सबका हो उद्धार।। ©Shiv Narayan Saxena #Ganesh_chaturthi रखो लाज प्रभु नाम की.....
#Ganesh_chaturthi रखो लाज प्रभु नाम की..... #Poetry
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये
मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये #कविता
read morePrakash writer05
White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05 सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा #मोटिवेशनल
read moreperson
आंसू 😭 ही है केवल तुम्हें भेंट चढ़ने को अब थाम लो आके बाबा दीवाने को झूले में भर दो मेरी प्यार की बस सौगात लाज रखो मेरे सांवरे हे बजरंगबली हनुमान जी 🙏मेरे मन को आप ही समझते हैं यह दुनिया मोह माया है बस आप ही समझते हैं प्रभु कृपा करें ©person आंसू 😭 ही है केवल तुम्हें भेंट चढ़ने को अब थाम लो आके बाबा दीवाने को झूले में भर दो मेरी प्यार की बस सौगात लाज रखो मेरे सांवरे हे बजरंगबली
आंसू 😭 ही है केवल तुम्हें भेंट चढ़ने को अब थाम लो आके बाबा दीवाने को झूले में भर दो मेरी प्यार की बस सौगात लाज रखो मेरे सांवरे हे बजरंगबली #Bhakti
read moreDevesh Dixit
अत्याचार अत्याचार की दुकान बन रहा अपना हिन्दुस्तान पल रहे कितने बेईमान कर रहे इसको शमशान बेशर्मी को लिया बांध अपराधों को लिया टांग दिखा रहे अपनी खुली हुई जांघ और कर रहे इसको जबरन बदनाम संकट में है अब लाज आते नहीं अब भी बाज कब तक सहेगा ये समाज बढ़ रहा जुर्म का ये राज न सुरक्षा का इंतजाम खुले घूम रहे हैं सांड वो भी बिलकुल बेलगाम कैसे होगा समाधान अत्याचार की दुकान बन रहा अपना हिन्दुस्तान पल रहे कितने बेईमान कर रहे इसको शमशान ........................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #अत्याचार #nojotohindi #nojotohindipoetry अत्याचार अत्याचार की दुकान बन रहा अपना हिन्दुस्तान पल रहे कितने बेईमान कर रहे इसको शमशान
#अत्याचार #nojotohindi #nojotohindipoetry अत्याचार अत्याचार की दुकान बन रहा अपना हिन्दुस्तान पल रहे कितने बेईमान कर रहे इसको शमशान #Poetry #arshad
read moreAnjali Singhal
"नैनों से बाँधकर प्रेम की डोरी, करके ले गया वो मेरे दिल की चोरी; डोरी यह इतनी मजबूती से जोड़ी, तोड़े से भी न जाए तोड़ी। थमी-थमी ये धड़कन मो #Poetry #EXPLORE #AnjaliSinghal
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