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Ishita Verma
पूरी दुनियां मेरी बदलने वाली है कुछ दिनों में सब नया सा होने वाला है। अपना घर होते हुए भी मेहमान बनकर आना पड़ेगा दूसरे के घर उसकी सजनी बनकर वो घर भी संभालना पड़ेगा। अपने मम्मी पापा भाई बहन को दूर छोड़ कर मुझे अब कुछ दिनों में जाना पड़ेगा चंद दिनों में मुझे सब कुछ अपना पुराना छोड़ कर कुछ लम्हे एक सूटकेस में संजोकर साथ लेजाना पड़ेगा। अभी तो बड़ी हुई थी मैं जो शादी के बंधन में बांध दिया कुछ पल अपने पापा मम्मी के संग बिताना है मुझे यह सोच सोच कर शादी का दिन आगया। बड़े होते ही हम बेटियों को छोड़ कर अपना घर परिवार सब जाना पड़ता है, कुछ दिन परिवार के साथ बैठने का बहाना फिर ढूंढना पड़ता है। कैसे इतनी जल्दी मैं बड़ी हो गई पता ही नहीं चला। कल तक जो पढ़ रही थी मैं आज लाल जोड़ें में मुझे दुल्हन बना दिया बेटी से बहु बनने जा रही हूं सौ घबराहट के सवालों को मन्न में ला रही हूं। काश कुछ दिन और मिल जाते इतनी जल्दी हम काश नहीं बड़े हो जाते कल तक पापा के साथ खिलौने लाया करती थी जो, मम्मी से अपनी चोटी बनवाया करती थी जो, बहन के कपड़े पहन कर अपने आप को बड़ा बोलती थी, भाई के साथ लड़ाई कर पापा से उसकी दात लगवाया करती थी। ना जाने कब आगया वो दिन जो डोली उठने का समय आगया है यह नन्हीं सी गुड़िया इस आंगन की अब लाल जोड़ें में दुल्हनियां बनकर अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा है।। अब उसका दुल्हा लेने उसे आ रहा हैं।। -ईशिता वर्मा @poetrysoul_999 ©Ishita Verma hindi poetry on life love poetry for her
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read more_बेखबर
परिंदा उड़ गया शजर खड़ा रह गया मेहमान चला गया खंडहर पड़ा रह गया ©_बेखबर #Bird sad urdu poetry poetry on love love poetry for her
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read moreParveen kaushik 'Jaani'
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read moreBuddywrites
नहीं बचे अल्फाज़ अब मुझमें मैं उसकी मोहब्बत कैसे बयां करु। उससे शुरू और उस पर ही अंत इससे ज़्यादा क्या मैं व्यक्त करु।। ©Buddywrites #Life #Love #Her #Bond #nojohindi #Nojoto quotes on love quote on love love love quotes
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read moreᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ
White थोड़ा सोचूँ फिर एक बात लिखूं जज़्बात लिखूं या हालात लिखूं, तेरे इश्क को अपने साथ लिखूं या मेरे हाथों में तेरा हाथ लिखूं, तुझे देखूँ फिर तेरी बात लिखूं तारीफ लिखूं या फ़रियाद लिखूं, तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं, या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं तुझे दिन या खुद को रात लिखूं बता आज कौन सी बात लिखूं, ©Khan Sahab #तारीफ_लिखूं_या_फरियाद_लिखूं.. love poetry for her hindi poetry on life
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read morePK
On my 26th, I am grateful to my friends for sending me some special wishes. I have felt great pleasure in the fact that they remembered it and were able to spare time for me. I can't thank each of them enough. As for myself, birth-day and new-year are a point where I can look back at what I have achieved vis-a-vis what I had intended at the start of cycle. If I see it from outside, I should be happy that I have spent another period in terms of work & also that I have reached an academic milestone. However, what bothers me all the time is the quality of how it has gone past. The search for a meaning of life is still on. One mustn't keep walking like everyone else without a sense of purpose. I sometimes feel lost when I think about it. I find myself wanting for words too. There seems to be a contest happening between different factors inside. One day I will be able to explain. Right now what's striking my mind are Faraz’s lines. (01-09-2024) . ©PK a note on my #birthday
a note on my #BirthDay
read moreRishi Ranjan
इज्जत करो माँ की बहनों की पत्नी की बहू की.. इज्ज़त करोगे तो तुम्हारे आनेवाली पीढ़ी को भी इज्ज़त मिलेगी... इस धरा पर सब कुछ लौटकर आता है... ©Rishi Ranjan poetry on love metaphysical poetry poetry love poetry for her hindi poetry
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