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shashank jha
होगे तुम अपनी दुनिया में खुश किसी रोते हुए चहरे पे हसी लाया है कभी हा मालूम है तरह तरह के पक्षी पाले हैं तुमने किसी परींदे को पिंजरे से उराया है कभी और खाए होंगे तुमने,तरह तरह के पकवान बहुत गंगा किनारे पे आके, लिट्टी चोखा खाया है कभी नाचे होंगे तुमने बादशाह के गाने पे जम के पर जनाब भोजपुरी पे ठुमका लगाया है कभी भोजपुरी पे ठुमका लगाया है कभी.... #bhojpuri #bihari #bhojpuriquote #bihar #hindi #poetry #hindipoetry #yqbaba
भोजपुरी पे ठुमका लगाया है कभी.... #bhojpuri #bihari #bhojpuriquote #bihar #Hindi poetry #hindipoetry #yqbaba
read moreRICKY Mishra
झुमका है फ़रमाइश उनका पहले झुमका फिर ठुमका ... @tasveer_lafzon_mein #N~85 // है फ़रमाइश उनका पहले झुमका फिर ठुमका ...// 😉🤔💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 #झुमका #Earring #nojotohindi #hindi #nojoto #hindiwriter #writers #she
Slumdog Entertainment
श्रद्धा का ठुमका शाहरुख और सलमान के बीच I Tu Jhoothi Main Makkaar I Box Office Analysis #ShahRukhKhan #SalmanKhan #shrddhakapoor tujhoothim #films #boxoffice #tujhoothimaimakkar
read moreRohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
झुमका जैसे ही उसके कानों में लगाया मैंने वो झुमका... तो खूब इतराने लगा वो झुमका... उसकी गर्दन को छूने के बहाने, झूम-2 के लगाने लगा वो ठुमका... मेरी आँखों को वो खटका... फिर मैंने कहा कि- ए झुमके, तू थोड़ा रुक ले, बात ये मेरी सुन ले... "उसकी नाजुक गर्दन को क्यों तू छुए...? तू एक जगह खड़ा रहके अपनी ड्यूटी कर ले..." झुमका मेरे बात सुनके पहले तो एकदम से ठिठका... लेकिन फिर वो ये गाना गा-2 के और जोर से लगाने लगा ठुमका- "झुमका... मैं झुमका..., क्यों ना लगाऊँ मैं ठुमका...? क्यों मुझपे तू भड़का...? मेरी ड्यूटी है यही करना... मुझे तू ठीक से ड्यूटी करने देना... अब तू मेरी मुक्की खा के पतली गली से खिसके छुट्टी लेना..." _बधाई हो छुट्टी की प्यारी मुक्की👊😇 की🙏 जैसे ही उसके कानों में लगाया मैंने वो झुमका... तो खूब इतराने लगा वो झुमका... उसकी गर्दन को छूने के बहाने, झूम-2 के लगाने लगा वो ठुमका... मेर
जैसे ही उसके कानों में लगाया मैंने वो झुमका... तो खूब इतराने लगा वो झुमका... उसकी गर्दन को छूने के बहाने, झूम-2 के लगाने लगा वो ठुमका... मेर #Poetry #Music #Humour #Life #Love #story #Quote #Truth #Inspiration #Dosti #Comedy #Shayari #philosophy #jhumka #कला #psychology #गाना #Earring #BadhaiHoChuttiKi #CTL #OpenPoetry #कानकीबाली #shortstroy
read moreAnant Nag Chandan
Come back बहुत गुस्से भरा लहजा तुम्हारा मगर मीठा लगा बोसा तुम्हारा गुलाबी गाल, बिंदी, और काजल चमकता चाँद सा मुखड़ा तुम्हारा बड़ी हलचल मची बारातियों में अचानक देख कर ठुमका तुम्हारा हमारी शेरवानी जँच रही तो क़यामत ढा रहा लहँगा तुम्हारा किसी के पास तो महफ़ूज़ होगा बरेली में गिरा झुमका तुम्हारा ©Anant Nag Chandan बहुत गुस्से भरा लहजा तुम्हारा मगर मीठा लगा बोसा तुम्हारा गुलाबी गाल, बिंदी, और काजल चमकता चाँद सा मुखड़ा तुम्हारा बड़ी हलचल मची बारातियो
Akhil Sharma
tune choda kismat tune thukrayi h.... ab kya fayda... pachta kr... aachi khasi jindgii tune khud gwayi h... ©Akhil Sharma हेयर स्टाइल धोने हैं तो छोड़ा है ऐसा क्यों है सर काम है स्टाइल कैसे है स्टाइल हेयर स्टाइल हेयर स्टाइल हेयर स्टाइल वह हैशटैग लव है स्टैगलाइट
Sumit R Das
दिल का किरायेदार दिल का किरायेदार ------------------------- अपने दिल के मकान में मुझे किरायेदार रख लेती पैसो के बदले तू मुझसे प्यार बेशुमार ले लेती सुबह क
दिल का किरायेदार ------------------------- अपने दिल के मकान में मुझे किरायेदार रख लेती पैसो के बदले तू मुझसे प्यार बेशुमार ले लेती सुबह क
read moreVikas Sahni
White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
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