Find the Latest Status about सूरत रेलवे स्टेशन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सूरत रेलवे स्टेशन.
Sarfaraj idrishi
White ये जरुरी नहीं, के सभी आपको समझ पाए..... क्यूंकि आइना भी सिर्फ सूरत दिखाता है, सीरत नहीं.. ©Sarfaraj idrishi #Sad_Status ये जरुरी नहीं, के सभी आपको समझ पाए..... क्यूंकि आइना भी सिर्फ सूरत दिखाता है, सीरत नहीं...see more Islam Extraterrestrial life r
#Sad_Status ये जरुरी नहीं, के सभी आपको समझ पाए..... क्यूंकि आइना भी सिर्फ सूरत दिखाता है, सीरत नहीं...see more Islam Extraterrestrial life r #Life
read moreSethi Ji
White पा लिया ख़ुदा देख कर तेरी आँखों में अब ज़िन्दगी में किसी और की जरूरत नहीं रही तेरे बिना जी रहे थे हम अपना हर पल तुझसे बिछड़ कर मेरी हसीं पहली जैसी खूबसूरत नहीं रहीं मांगता रहा हर दिन तेरा साथ अपने ख़ुदा से आ कर तेरी बांहों में किसी और चीज को चाहने की हसरत नहीं रहीं सोचता हूँ आज भी तुझको अपने ख्यालों में , इश्क़ के सवालों में मेरी यादों में तेरे अलावा किसी और की सूरत नहीं रहीं मिले हमको भी हमसफ़र , मोहब्बत की हसीन राहों में पर क्या करें तेरी जैसी किसी की सीरत नहीं रहीं हम भी है श्रीकृष्ण अपनी राधा के मेरे दोस्तों करते हैं दिन रात पूजा अपने महबूब की अब मर भी जाए तुझे पाने की फ़रियाद में कोई ग़म नहीं मेरे दिल में तेरी मूरत के आगे किसी की नुसरत नहीं रहीं 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟🌟 ©Sethi Ji 💗💗 महबूब की सूरत 💗💗 💗💗 महबूब की मूरत 💗💗 #good_night #Sethiji #18Sept #Trending
💗💗 महबूब की सूरत 💗💗 💗💗 महबूब की मूरत 💗💗 #good_night #Sethiji #18Sept #Trending #Zindagi #ishq #दर्द #कविता #nojotohindi #nojotoshayari #कोट्स
read moreAnant Nag Chandan
White बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना ©Anant Nag Chandan बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना
बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है रहते-रहते स्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं। मुनव्वर राना #Shayari
read moreRavendra
70 लाख रूपये के स्मैक के साथ दो अभियुक्त गिरफ्तार पुलिस अधीक्षक, श्रीमती वृन्दा शुक्ला, जनपद बहराइच द्वारा अपराध की रोकथाम एवं अपराधियो की #वीडियो
read moreSarfaraj idrishi
#Pehlealfaaz एक तेरे लिए वफादारी का दूसरा नाम बन जाऊ मैं. तु काबिलियत परखना मेरी, सूरत नहीं. ©Sarfaraj idrishi #Pehlealfaaz एक तेरे लिए वफादारी का दूसरा नाम बन जाऊ मैं. तु काबिलियत परखना मेरी, सूरत नहीं. sad shayari on life Aaj Ka Panchang reali
#Pehlealfaaz एक तेरे लिए वफादारी का दूसरा नाम बन जाऊ मैं. तु काबिलियत परखना मेरी, सूरत नहीं. sad shayari on life Aaj Ka Panchang reali #Life
read moreARTI DEVI(Modern Mira Bai)
White पाक कुरआन पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण! सूरत-अर रूम-30 की आयत नं. 11:- अल्लाह पहली बार सृष्टि (खिलकित) को उत्पन्न करता है। फिर उसे दोहराएगा (पुनरावृत्ति करेगा)। #AlKabir_Islamic #SaintRampalJi ©ARTI DEVI(Modern Mira Bai) #CAT #love_shayari #लव #शायरी #viral #Love #वीडियो #कॉमेडी पाक कुरआन पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण! सूरत-अर रूम-30 की आयत नं. 11:- अल्लाह पहली बा
#CAT #love_shayari #लव #शायरी #viral Love #वीडियो #कॉमेडी पाक कुरआन पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण! सूरत-अर रूम-30 की आयत नं. 11:- अल्लाह पहली बा #भक्ति #SaintRampalJi #AlKabir_Islamic
read moreRavendra
मैलानी खीरी -मैलानी नानपारा मीटर गेज के रेल खंड पर भीरा पलिया के मध्य बाढ़ के पानी ने रेलवे लाइन को 100 मीटर के करीब काट दिया है,इस रेल खंड #वीडियो
read moreदिलीप कुमार
अब हमें पेड़ लगाना होगा, सोई जमीं को जगाना होगा। धूप- छाव का खेल , पेड़ लगा के बताना होगा। करना है श्रृंगार धरा का, पौधो को पानी पिलाना होगा। सूरत बदलनी गांव शहर की , पेड़ - पौधा लगाने होगा। गर रहना खुदको जिंदा, पेड़ों को जगाना होगा। यूं ही तुम लगा रहे पेड़, औरों को भी बताना होगा। अगर कोई काट रहा पेड़, आपको अब समझाना होगा। ©दिलीप कुमार अब हमें पेड़ लगाना होगा, सोई जमीं को जगाना होगा। धूप- छाव का खेल , पेड़ लगा के बताना होगा। करना है श्रृंगार धरा का, पौधो को पानी पिलाना होगा
अब हमें पेड़ लगाना होगा, सोई जमीं को जगाना होगा। धूप- छाव का खेल , पेड़ लगा के बताना होगा। करना है श्रृंगार धरा का, पौधो को पानी पिलाना होगा #New #Growth #plant #Trees #environment #Paryavaran #moneyplant
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी घूँघट उठाता रहा ।। क्या हुआ मुश्किलों से जो रोटी मिली । प्रेम से तो निवाला खिलाता रहा ।। बद नज़र है जमाने की सारी नज़र । हाथ से उसकी सूरत छुपाता रहा । शब न आयी कभी ज़िंदगी में मेरे । नूर उसका अँधेरा मिटाता रहा ।। देख लो आज भी उसका कोमल हृदय । मन को मेरे मयूरा बनाता रहा ।। छेड़ती होंगी सखियाँ ये कहकर उसे । नैन कैसे प्रखर कल लडाता रहा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी घूँघट उठाता रहा ।। क्या ह
ग़ज़ल :- नाम तेरा सदा गुनगुनाता रहा । मन ही मन सोचकर मुस्कराता रहा ।। जब कभी ख्वाब में आप आये मेरे । रात फिर सारी घूँघट उठाता रहा ।। क्या ह #शायरी
read more