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Jitender Kumar

#GoodMorning इतनी मुद्दत बा'द मिले हो किन सोचों में गुम फिरते हो इतने ख़ाइफ़ क्यूँ रहते हो हर आहट से डर जाते हो #shayri #shayrioftheday #urdupoetrylines #lafzo_ki_goonj #shayari_challenge #top_newser

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White इतनी मुद्दत बा'द मिले हो
किन सोचों में गुम फिरते हो

इतने ख़ाइफ़ क्यूँ रहते हो
हर आहट से डर जाते हो

तेज़ हवा ने मुझ से पूछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो

काश कोई हम से भी पूछे
रात गए तक क्यूँ जागे हो

में दरिया से भी डरता हूँ
तुम दरिया से भी गहरे हो

कौन सी बात है तुम में ऐसी
इतने अच्छे क्यूँ लगते हो

पीछे मुड़ कर क्यूँ देखा था
पत्थर बन कर क्या तकते हो

जाओ जीत का जश्न मनाओ
में झूटा हूँ तुम सच्चे हो

अपने शहर के सब लोगों से
मेरी ख़ातिर क्यूँ उलझे हो

कहने को रहते हो दिल में
फिर भी कितने दूर खड़े हो

रात हमें कुछ याद नहीं था
रात बहुत ही याद आए हो

हम से न पूछो हिज्र के क़िस्से
अपनी कहो अब तुम कैसे हो

'मोहसिन' तुम बदनाम बहुत हो
जैसे हो फिर भी अच्छे हो

मोहसिन

©Jitender Kumar #GoodMorning 

इतनी मुद्दत बा'द मिले हो
किन सोचों में गुम फिरते हो

इतने ख़ाइफ़ क्यूँ रहते हो
हर आहट से डर जाते हो

Prerna Singh

#Ratan_Tata बहुत ही दुःखद .... आज देश ने अपना सबसे बड़ा दानवीर एवं देशभक्त कोहिनूर खो दिया। रतन टाटा सिर्फ शोहरत के धनी ही नही थे बल्कि व #मोटिवेशनल

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White बहुत ही दुःखद .... 
आज देश ने अपना सबसे बड़ा 
दानवीर एवं देशभक्त कोहिनूर खो दिया।
रतन टाटा सिर्फ शोहरत के धनी ही नही थे 
बल्कि वह एक सच्चे नेक दरियादिली इंसान और मानवता के भी धनी थे। 
भगवान उन की इस महान दिवंगत आत्मा को चिर शान्ति प्रदान कर अपने श्री चरणों में स्थान दे 
ॐ शांति ओम 🙏🏻

©Prerna Singh #Ratan_Tata बहुत ही दुःखद .... 
आज देश ने अपना सबसे बड़ा 
दानवीर एवं देशभक्त कोहिनूर खो दिया।
रतन टाटा सिर्फ शोहरत के धनी ही नही थे 
बल्कि व

Parasram Arora

दरिया दिल #कविता

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White लोग आज भी मुझे  उलाहना 
देते है कि मैं दरिया दिली  से 
लोगो की मदद क्यों नही करता 

 कैसे समझाऊ मैं उन लोगो को.
कि अभी तो मैं  दरिया का कतरा मात्र  हू 
मुझे दरिया बनने मे एक लम्बा वक्त लग
सकता है

©Parasram Arora दरिया दिल

Rimpi chaube

#साथचलनेसेहोगा ☺️ मुश्किलों पे मुकाम,साथ चलने से होगा। हर असंभव काम,साथ चलने से होगा। कश्ती को किनारा मांझी के सहारे से मिलता है... ये संघर् #Motivational

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White 
मुश्किलों पे मुकाम,साथ चलने से होगा।
हर असंभव काम,साथ चलने से होगा।
कश्ती को किनारा मांझी के सहारे से मिलता है...
ये संघर्षों का दरिया पार,साथ चलने से होगा।।

©Rimpi chaube #साथचलनेसेहोगा ☺️
मुश्किलों पे मुकाम,साथ चलने से होगा।
हर असंभव काम,साथ चलने से होगा।
कश्ती को किनारा मांझी के सहारे से मिलता है...
ये संघर्

Irfan Saeed

मैं तेरे दिल में रहूंगा तो कहूंगा गजलें दिल के दरिया से मिलूंगा तो कहूंगा गज़लें मेरे बहते हुए हर अश्क पे रोने #GoodMorning #Shayari

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SAMEER SAHAB

एक उम्र का चढ़ा हुआ दरिया उतर गायव #Shayari

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

*विधा     सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ... #कविता

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*विधा     सरसी छन्द आधारित गीत*

आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव ।
वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी ....

पूर्ण हुई वह खुशियाँ सारी , जो थी मन में चाह ।
खूब कमाकर पैसा सोचा , करूँ सुता का ब्याह ।।
आज उन्हीं बच्चों ने बोला , क्यों करते हो काँव ।
जिनकी खातिर ठुकरा आया, मातु-पिता की ठाँव ।
आओ लौट चलें अब साथी .....

स्वार्थ रहित जीवन जीने से , मरना उच्च उपाय ।
सुख की चाह लिए भागा मैं, और बढ़ाऊँ आय ।।
यह जीवन मिथ्या कर डाला , पाया संग तनाव ।
देख मनुज से पशु बन बैठा , डालो गले गराँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी....

भूल गया मिट्टी के घर को , किया नहीं परवाह ।
मिला प्रेम था मातु-पिता से , लगा न पाया थाह ।।
अच्छा रहना अच्छा खाना , मन में था ठहराव ।
सारा जीवन लगा दिया मैं , इन बच्चों पर दाँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी .....

झुकी कमर कहती है हमसे , मिटी हाथ की रेख ।
गर्दन भी ये अब न न  करती ,लोग रहे सब देख ।।
वो सब हँसते हम पछताते, इतने हैं बदलाव ।
मूर्ख बना हूँ छोड़ गाँव को , बदली जीवन नाँव ।।
आओ लौट चलें साथी अब ...

कभी लोभ में पड़कर भैय्या , छोड़ न जाना गाँव ।
एक प्रकृति ही देती हमको , शीतल-शीतल छाँव ।।
और न कोई सगा धरा पर , झूठा सभी लगाव ।
अब यह जीवन है सुन दरिया , जाऊँ जिधर बहाव ।।
आओ लौट चलें अब साथी....

आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव ।
वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *विधा     सरसी छन्द आधारित गीत*

आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव ।
वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।।
आओ लौट चलें अब साथी ...

paras Dlonelystar

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