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Ekta Singh
माँ तेरी कृपा मुझे पर रहें उससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं चाहिए🙏 ©Ekta Singh माँ से विनती
माँ से विनती #भक्ति
read moreIG @kavi_neetesh
“प्रभु इस विनती को कर लेना स्वीकार, कल से देखना माता की जय जयकार।“ कल नवरात्रि में माता भवानी आ रही है, गणेश गजानन जी आप भी जरूर आना! आपके स्वागत में, कोई कमी नहीं होगी, आप जितना चाहो, मोदक भोग लागाना! गणेश गजानन जी……… भरी हुई होगी सामने मिष्ठान की थाली, नहीं कर पाओगे प्रभु, आप थाली खाली। लड्डू, केला, मेवा भी खिलाऊंगा आपको, भूल जाओगे देवलोक को लौटकर जाना! गणेश गजानन जी…….. माता जगदम्बा पूर्ण करेगी सबकी आशा, मेला लगेगा जिसमें देखना नाच तमाशा। भक्तों की भक्ति में शक्ति मिल जाएगी, धीमी गति सवारी का, बनाना न बहाना! गणेश गजानन जी……….. हम लगते सेवक आपके, आप हैं विधाता, प्रभु आपसे है हमारा, जन्म जन्म नाता। आपके पधारने से मंगल ही मंगल होगा, सारी दुनिया चाहती, आपके दर्शन पाना। गणेश गजानन जी………… ©IG @kavi_neetesh #GaneshChaturthi भक्ति फिल्म Hinduism भक्ति भजन राधा कृष्ण के भजन भक्ति सागर भक्ति गीत : नवरात्रि में आना गणेश जी “प्रभु इस विनती को क
#GaneshChaturthi भक्ति फिल्म Hinduism भक्ति भजन राधा कृष्ण के भजन भक्ति सागर भक्ति गीत : नवरात्रि में आना गणेश जी “प्रभु इस विनती को क
read morekumar ramesh rahi
White शीर्षक (बेटी) मेरी व्यथा यहाँ समझेगा कौन, देख रहा समाज, हो मूक मौन। आंखो से करते वो चीरहरण चौराहे पर, खड़ा कर दिया हर बेटी को दोराहे पर। बाबा उम्मीदें हमसे भी पालो तुम, गिर भी जाऊं हाथ पकड़ संभालो तुम। अपमानित न हो सके कोई द्रौपदी, गिरधारी बन भैया लाज बचालो तुम। ©kumar ramesh rahi हिंदी कविता #बेटी #हैवानियत #विनती #उम्मीदें #बाबा #समाज #जिम्मेदारी #लाज #गिरधारी #kumarrameshrahi
हिंदी कविता #बेटी #हैवानियत #विनती #उम्मीदें #बाबा #समाज #जिम्मेदारी #लाज #गिरधारी #kumarrameshrahi
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इस संसार में एक इंसान भिखारी हैं क्योंकि हर चीज हम लोग भगवान से मानते हैं खुशी और प्रशंसा और धन संपदा सब चीज हम लोग भगवान से ही मांगते हैं हमारा इच्छा का पात्र कभी नहीं भरता हैं और हम हमेशा भगवान से विनती करते रहते हैं प्रार्थना करते रहते हैं एक भिखारी के माफीक उनसे ही सब चीज मांगते हैं सबसे बड़े भिखारी मनुष्य हैं सब कुछ होने के बाद भी कुछ नहीं होता हैं हमने अपने कर्म से पुण्य को अर्जित करना चाहिए ताकि हमारे शरीर के अंतिम घड़ी के बाद हमारी आत्मा को पुण्य और प्रभु के चरणों में दर्शन की प्राप्ति हो ©person इस संसार में एक इंसान भिखारी हैं क्योंकि हर चीज हम लोग भगवान से मानते हैं खुशी और प्रशंसा और धन संपदा सब चीज हम लोग भगवान से ही मांगते है
इस संसार में एक इंसान भिखारी हैं क्योंकि हर चीज हम लोग भगवान से मानते हैं खुशी और प्रशंसा और धन संपदा सब चीज हम लोग भगवान से ही मांगते है #Bhakti
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White राधिका छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती । करो क्षमा अपराध सब , आप हो दाती ।। प्रेम ज्योति सब में जले , यही वर माँगा । दे दो भोलेनाथ जी , प्रेम का धागा ।। देख पराई पीर को , लगे सब रोने । यही भाव उत्पन्न हो, हृदय के कोने ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR राधिका छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती ।
राधिका छन्द :- सुनकर विनती मातु अब , कृपा कर देना । रोग दोष सारे अभी , सुनों हर लेना ।। मैं बालक नादान हूँ , भूल हो जाती । #कविता
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मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवराम , नाम की मिश्री घोले ।। निकट सरोवर था वही , जहाँ मिले थे आप । कुछ मत पूछो देखकर , मिटे सकल संताप । बुझी नयन की प्यास तो, हृदय उठा उल्लास- अब बातें याद कर , हमें दे पश्चाताप ।। कुछ कँवाड़िया आज , यहाँ पर करते दंगे । फिर भी मुख से देख , कहे वह हर हर गंगे । कहे प्रखर अब नाथ , उन्हें तो तुम ही देखो- मन के कितना साफ़ , और हैं कितने चंगे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर
मुक्तक :- काँवड लेकर देख , कहें हम बम-बम भोले । कष्ट मिटे इस बार , द्वार हम तेरे डोले । कर दो अब उपकार , भक्त बन करते विनती- मुख में तो शिवर #कविता
read moreDevesh Dixit
कलम की आवाज़ (दोहे) कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान।। खडग काटती एक को, मैं काटूंँ सब साथ। मन में सच मेरे बसा, दुर्जन पीटें माथ।। जिसका जैसा हाथ है, कलम करे वह काम। सच से इसको प्रीत है, जिससे इसका नाम।। वही कलम से काँपते, जिनके मन में चोर। अधिकारी फिर सोचते, कैसे होगी भोर।। जिसको इससे प्रेम है, सुंदर हैं वे लोग। उत्तम वह रचना करें, करते सही प्रयोग।। कलम कहे यह जानलो, करो नहीं नाराज़। मेरी है विनती यही, सभी सुनें आवाज़।। ......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #कलम_की_आवाज़ #दोहे #nojotohindipoetry nojotohindi कलम की आवाज़ (दोहे) कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान
#कलम_की_आवाज़ #दोहे #nojotohindipoetry nojotohindi कलम की आवाज़ (दोहे) कलम चीख कर कह रही, सुन प्राणी नादान। बल को मेरे जानकर, बनता है अनजान #Poetry #sandiprohila
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