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Stories related to गाण्डीव धरी अर्जुन

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Sunita Bishnolia

#उठा पार्थ गाण्डीव nojoto #Hindi

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उठा पार्थ गांडीव

लक्ष्य तेरे जीवन का क्या है,
             आओ याद दिलाऊँ। 
अपनी राहें भूल गया तू,
               तुझको राह दिखाऊँ। 

तरकश में ना तीर समाये,अब तक छूट न पाए । 
तीरों पर मैं पार्थ तेरी ,नाम विजय लिख जाऊँ l

मद के मारे देखो कोई, 
                      झूल रहा है झूला।
शोक छोड़ चल उन राहों पर,
                       

उठा पार्थ गाण्डीव तू तज,मन से घोर निराशा। 
ढूँढ मध्य तेरी सेना में, छिपा तो नहीं बगुला। 

चुप्पी मत तू साध कि घर में,
                        सेंध लगी है भारी,
भूल समय जो बीत गया है,
                        आगे काम जरूरी। 

जीत-हार पहलू सिक्के के, मत घबराना इनसे, 
राह तेरी न कोई रोके, कैसी भी मजबूरी। 
✍️सुनीता बिश्नोलिया ©® #उठा पार्थ गाण्डीव #nojoto #hindi

Ram Mohan Shukla

उठो पार्थ गाण्डीव उठाओ #Shayari

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Mr. Arjun Singh

# अर्जुन – #Shayari

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मसरूफ थे सब लोग अपनी ज़िंदगी
सुलझने में।
जरा सी ज़मीन क्या हिली
सब को खुदा याद आ गया

©Mr. Arjun Singh # अर्जुन –

Arjun Parmar

अर्जुन #कामुकता

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Ravi Kumar Chaman

अर्जुन

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ARJUN OSARI

अर्जुन #शायरी

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नजर कहा है और हम  कहा है यार apny तो apny होते हैं  जी हम

©ARJUN OSAR अर्जुन

अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

अर्जुन

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यूं तो हम उतावले न थे उनके हुस्न-ए-दीदार को।

यह "उनके मिलन का भाव" ही था जो हम बेकरार हो गए। अर्जुन

Dr. H(s)uman , Homoeopath

रुक ज़रा संभल ज़रा क्यों तू रो रहा
अस्तित्व की तलाश में क्यों तू भाग रहा
तेरा वजूद तेरे अंदर ही है क्यों तो भूल रहा
स्वयं को जान ले 
मत भाग जमाने की होड़ में
बन जा अर्जुन क्यों तू कृष्ण को भूल रहा

©Dr. H(s)uman , Homoeopath #अर्जुन

ankit kumar mishra

# अर्जुन – #कविता

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अरुण शुक्ल ‘अर्जुन'

अर्जुन

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वक़्त कब वक़्त को वक़्त देने लगा।
स्वार्थी आदमी अब तो होने लगा,।
चमन में पूर्व की ओ हरियाली कहां।
पुष्प - गुच्छक कागज का जबसे होने लगा। अर्जुन
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