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Stories related to दीपक ठाकुर ना गीतो

Satish Kumar Meena

ना थके ना रुके

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puja udeshi

#RadheGovinda #GoodMorning #pujaudeshi वंदना .... Ashtvinayak vikas singh विवेक ठाकुर 'शाद' Ram Bist

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Mohd Sarfaraz Gour

Swati sharma विवेक ठाकुर 'शाद' Sarfraz Ahmad Satish Tasleem wais تسلىم

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#शून्य राणा

sharab नीर बाबा ब्राऊनबियर्ड शिवम् सिंह भूमि R Ojha विवेक ठाकुर 'शाद'

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सुबह - सुबह दौर ए शराब,,वाह क्या बात है ,
गले से उतरते एक एक कतरे का हिसाब ,,वाह क्या बात है ।।
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खुद ही बारिश ,,,खुद ही आतिश,, भीगकर शराबियों को ,,फिर खुद ही जलना जनाब,,, वाह क्या बात है ।।
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खुद ही साहिल ,,खुद ही सागर ,,,खुद ही शबनम खुद ही गागर ,,और फिर खुद ही खुद को पीना बेहिसाब,,,, वाह क्या बात है ।।
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खुद ही सेहरा ,,खुद ही प्यास ,,खुद ही बंजर और फिर खुद की आस,,सुखी रेत पर बरस गया पानी जैसे ,,ऐसा मौसम खराब ,,,वाह क्या बात है ।।
#
खुद की महफिल ,,खुद ही शायर,,खुद की नज्में ,,खुद की बहर ,,खुद की गज़लें,खुद के मीटर ,,और फिर खुद की तारीफें खुद से ही जनाब ,, वाह क्या बात है ।।
#
खाली पड़े जिस्म में रूह की जगह तू ,,राणा ,,और तेरी जगह शराब ,,वाह क्या बात है ,, सुबह सुबह दौर ए शराब,,वाह क्या बात है ।।

©#शून्य राणा #sharab  नीर  बाबा ब्राऊनबियर्ड  शिवम् सिंह भूमि  R Ojha  विवेक ठाकुर 'शाद'

Mohd Sarfaraz Gour

Sarfraz Ahmad Satish Swati sharma Parwana ansari विवेक ठाकुर 'शाद'

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Sonia Anand

S.K Dheeraj Bakshi विवेक ठाकुर 'शाद' राजा भैया Satish

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Neeti

#RadheGovinda Sethi Ji Anil Ray Anudeep कवि आलोक मिश्र "दीपक" Satyajeet Roy

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puja udeshi

#pujaudeshi Vaibhav Harsh Saxena शाकिर Shakir mahesh KRISHNA कवि आलोक मिश्र "दीपक"

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Shashi Bhushan Mishra

#दीपक जलाने का#

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अमावस हो रात फिर दीपक जलाने का,
समय हो प्रतिकूल कान्हा को बुलाने का, 

मन लगा गोपाल में तन हो गया गोकुल, 
बस यही तरक़ीब है  दुनिया  भुलाने का,

मिला खेवनहार  दरिया पार  कर  लूँगा, 
ज़िस्म में ताकत नहीं  गोता  लगाने का,

पुराने ज़ख़्मों को बे-मतलब कुरेदो मत, 
जो नहीं अपना उसे फ़िर भूल जाने का,

जन्म से आखिर तक संघर्ष का आलम, 
बांसुरी की  तान पर  झूला  झुलाने का,

ज्ञान के पानी से बुझती प्यास जन्मों की, 
हृदय  है  प्यासा  उसे  पानी  पिलाने  का,

बात जिसकी समझ में है आ गई 'गुंजन',
मिल गया अवसर उसे भवपार जाने का,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
             प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra #दीपक जलाने का#

Rameshkumar Mehra Mehra

# ना पा सके,ना भूला सके,ना बता सके,ना जता सके,तू कया है मेरे लिए,ना खुद समझ सके,ना मुझे तुम समझा सकी......shayari...#

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