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VIIKAS KUMAR
प्रेगाबैनील-एम टैबलेट एसआर के लाभ न्यूरोपैथिक दर्द का इलाज प्रेगाबैनील-एम 75 एसआर टैबलेट, दवाओं का एक मिश्रण है जिसका इस्तेमाल डायबिटीज, शिंगल्स या स्पाइनल कॉर्ड की चोट के कारण नसों में हुए नुकसान से होने वाले लंबे समय तक रहने वाले (पुराने) दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है. यह दर्द और उससे जुड़े लक्षणों जैसे कि मूड में बदलावों, नींद की समस्याओं और थकान को कम करता है. इस दवा का एक सक्रिय तत्व प्रेगाबालिन, क्षतिग्रस्त नसों और मस्तिष्क के माध्यम से आने वाले दर्द के संकेतों को रोककर काम करता है. इसमें न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट भी होते हैं जो नर्व कंडक्शन को बेहतर बनाते हैं. प्रेगाबैनील-एम 75 एसआर टैबलेट को नियमित रूप से लेने से आपके शारीरिक और सामाजिक कामकाज और समग्र जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा. ©VIIKAS KUMAR प्रेगाबैनील-एम टैबलेट एसआर
प्रेगाबैनील-एम टैबलेट एसआर #Quotes
read moreHeer
किसान कोई तो बचाए इनको समझे कोई दर्द इनका भी, इनके हक के लिए भी तो कोई उठाए आवाज अपनी। लड़ते लड़ते हार भी जाते और फिर त्याग देते ये जीवन, फिर भी किसी के आगे फैलाते न हाथ अपने। सबका पेट ये है भरते खुद मगर भूखे ही सोते, फिर भी मुख से आह न भरते। ©Heer #farmersprotest #किसान
#farmersprotest #किसान #Poetry
read moreLabj_ke_do_shabd
इंकलाब जिंदाबाद वंदे मातरम जय हिंद वे वांट जस्टिस नो आई एम जस्टिस..... #Motivational
read moreसौरभ अश्क
एक जोड़ी बैल हल और पालो एक ठो कुदाल एगो लूंगी, एक ठो गमछा और एक ठो बनियान गेहूं, मकई, चना के पावडर (सत्तू) छोटका प्याज हरका मरचाय सुखलो खटाय दस ठो रोपनिया एक ठो मोरकबड़ा आरु ढेर सन हिम्मत यही किसान के साथी छै धन्य छै हमरो देश के माटी जे 0 इन्वेस्टमेंट म पूरा देश के पेट भरए छै आरू हेकरे शहरी भाषा मे अनपढ़ गवार कहलों जाय छै। आज कल यह अनपढ़ गवार खेतो में देखाय छै, आरू पढ़लो लिखलो रेस्टोरेंट में, ©सौरभ अश्क #Beauty #किसान #अनाज #संग्रहित
हिंदी कहानियां
White यह एक साधारण ग्रामीण दंपत्ति की कहानी है। रामू और सीता एक छोटे से गाँव में रहते थे। रामू किसान था और सीता गृहिणी। दोनों ने एक-दूसरे से बहुत प्यार किया और हर दिन एक साथ बिताया।एक बार की बात है, जब रामू की फसल अच्छी नहीं हुई, तो वह बहुत चिंतित हो गया। सीता ने उसे हिम्मत दी और कहा, "फसल का क्या है, ये तो हर साल आती जाती है। हमें मिलकर इसका सामना करना होगा।" सीता ने अपने गहने बेचकर घर के खर्चे चलाने का निर्णय लिया। रामू ने भी मेहनत करके अपनी किसानी को सुधारने की ठान ली।रामू ने नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अगले साल बेहतर फसल उगाई। इस बार उनकी फसल बहुत अच्छी हुई और उन्होंने अपने पुराने कर्ज भी चुका दिए।इस पूरे समय में, रामू और सीता ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा और एक-दूसरे को समर्थन देते रहे। उनकी मेहनत और आपसी समझ ने उन्हें हर कठिनाई से पार पाने में मदद की। उनके प्रेम और समर्पण की कहानी गाँव में मिसाल बन गई।इस तरह, रामू और सीता ने यह साबित कर दिया कि सच्चे प्रेम और आपसी समझ से हर कठिनाई का सामना किया जा सकता है। ©Gobind Kumar रामू किसान... हिंदी कविता
रामू किसान... हिंदी कविता
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