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कवि प्रभात
चार दिन की जिंदगी, क्यों करना तकरार ? इस जग में जीवन जिएँ, देते सबको प्यार || ©कवि प्रभात #agni कविता कोश कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता
#agni कविता कोश कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता
read moreGhanshyam Ratre
White आसमां में चांद और चमकते सितारों की खूबसूरत नजारे हैं। धरती पर पेड़-पौधों झाड़ीयों का हरा भरा छाया हरियाली हैं।। प्रकृति का सौंदर्य रूप देखकर मन में हर्षोल्लास होते हैं। कहीं-कहीं नदियां,पहाड़ पर्वत बाग -बगीचे दृश्य मन को मोह लेते हैं।। ©Ghanshyam Ratre प्रकृति की सुंदरता
प्रकृति की सुंदरता
read moreनवनीत ठाकुर
जमीन पर आधिपत्य इंसान का, पशुओं को आसपास से दूर भगाए। हर जीव पर उसने डाला है बंधन, ये कैसी है जिद्द, ये किसका अधिकार है।। जहां पेड़ों की छांव थी कभी, अब ऊँची इमारतें वहाँ बसी। मिट्टी की जड़ों में जीवन दबा दिया, ये कैसी रचना का निर्माण है।। नदियों की धाराएं मोड़ दीं उसने, पर्वतों को काटा, जला कर जंगलों को कर दिया साफ है। प्रकृति रह गई अब दोहन की वस्तु मात्र, बस खुद की चाहत का संसार है। क्या सच में यही मानव का आविष्कार है? फैक्ट्रियों से उठता धुएं का गुबार है, सांसें घुटती दूसरे की, इसकी अब किसे परवाह है। बस खुद की उन्नति में सब कुर्बान है, उर्वरक और कीटनाशक से किया धरती पर कैसा अत्याचार है। हरियाली से दूर अब सबका घर-आँगन परिवार है, किसी से नहीं अब रह गया कोई सरोकार है, इंसान के मन पर छाया ये कैसा अंधकार है।। हरियाली छूटी, जीवन रूठा, सुख की खोज में सब कुछ छूटा। जो संतुलन से भरी थी कभी, बेजान सी प्रकृति पर किया कैसा पलटवार है।। बारूद के ढेर पर खड़ी है दुनिया, विकसित हथियारों का लगा बहुत बड़ा अंबार है। हो रहा ताकत का विस्तार है,खरीदने में लगी है होड़ यहां, ये कैसा सपना, कैसा ये कारोबार है? ये किसका विचार है, ये कैसा विचार है? क्या यही मानवता का सच्चा आकार है? ©नवनीत ठाकुर #प्रकृति का विलाप कविता
#प्रकृति का विलाप कविता
read moreNeetesh kumar
White मुहब्बत, आशिकी और इबादत होती यदि मुझे तुम्हारी आंखों में उतर जाने की इजाजत होती... ©Neetesh kumar #Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता
#Sad_Status कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता
read moreniranjana dange,Neel.
खुशी की एक लहर होती है जब हरियाली से जिंदगी रूबरू होती है ©Neel. प्रकृति की सुंदरता...
प्रकृति की सुंदरता...
read moreIG @kavi_neetesh
White चित्र काव्य समारोह छंद कुण्डलिया ========================== कठिन परीक्षा देखकर, होना नहीं निराश। क्यों बैठा है रे मनुज, होकर आज हताश।। होकर आज हताश, छोड़ मत जीवन आशा। तेरी इक हुंकार, पलट देगी सब पाशा।। मान आज नीतेश, यही है सच्ची शिक्षा। है जीवन संग्राम,समझ मत कठिन परीक्षा।। ©IG @kavi_neetesh #love_shayari हिंदी दिवस पर कविता कविताएं कविता कोश प्यार पर कविता कुमार विश्वास की कविता
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किसानों का दर्द सिर पटक कर मर रहे जीवन के लिए कुछ कर रहे प्रताड़ित है अवहेलना से सरकार के टरटेलना से मगर जीवन के लिए खेती कर रहे उनके लिए कर रहे नौकरी उनका है करोड़ों का मकान लेकिन उन्हीं किसानों का मकान में पड़ा व्यवधान सबको रोटी खिलाने वाला सुख से नहीं खा पा रहा निवाला हर कष्ट को झेलने के बाद भी वह हर कष्ट में भी अपनी नेकी कर रहे हां किसान सिर पटक कर मर रहे। ©IG @kavi_neetesh #farmersprotest कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता हिंदी कविता
#farmersprotest कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता बारिश पर कविता प्यार पर कविता हिंदी कविता
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White दिल में हर बात आज भी वही है ज़ाहिर है तुझ पे मेरा हक़ नहीं है देखते देखते यु मंज़र बदल गया तू मेरा होकर भी मेरा नहीं है। ©Ram Make #good_night कुमार विश्वास की कविता बारिश पर कविता प्रेम कविता
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White वो कत्ल करता रहा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा जाने कितना लहू बहा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा ऊपरवाले के नाम पर अलग कर दिया उसने खो गया पता यहां वहां मेरा,मैं मुस्कुराता रहा अब फिर से चुनाव आ गए हैं,वो झूठा आ गया वो खुश है मजाक बना मेरा,मैं मुस्कुराता रहा चाहा बहुत उसे,दिन रात की खबर नही थी इश्क आखिर को मरा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा रोज़गार नही है,क्या करूं,मैं नौजवां इस मुल्क का वोटों के नाम रहा मुद्दा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा विद्यालय में पढ़ाई जा रही,धर्म की राजनीति हर बार राजनीतिकरण हुआ मेरा, मैं मुस्कुराता रहा अंधेर नगरी चौपट राजा,सुना था हमने कभी इससे था मन,मनमना मेरा, मैं मुस्कुराता रहा नीला,हरा,लाल,पीला,जाने कौन सा रंग है उसका उसने कोई एक रंग कहा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा विज्ञान के मुताबिक,छः बार प्रलय आई है यहां मेरा तर्क बस रहा ज़रा मेरा,मैं मुस्कुराता रहा ©IG @kavi_neetesh #sad_quotes कविताएं कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता बारिश पर कविता हिंदी कविता
#sad_quotes कविताएं कुमार विश्वास की कविता प्यार पर कविता बारिश पर कविता हिंदी कविता
read moreKamlesh Kandpal
ये सोचता हूँ मै अक्सर जो आता है मुझे नजर ये धरती, या ये आकाश सूर्य का अदभुत प्रकाश चंदा गोल,टीमटिमाते तारे बनाये ये सब,किसने सारे ठंडी, गर्मी औऱ ये बरसात लू के दिन,अमावस की रात पाने की खुशी, खोने का डर ये सोचता हूँ मै अक्सर जो आता है मुझे नजर ©Kamlesh Kandpal #प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता
#प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता
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