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Jai Singh Hindi Dictionary
#FourlinePoetry मेरे हालात है अब ऐसे हो गए है, कि 5 रुपए बचाने के कार्यालय 20 मिनट देरी से पहुंच रहा हूं। ©Jai Singh Hindi Dictionary 5 रुपए #fourlinepoetry
5 रुपए #fourlinepoetry #विचार
read morePankaj R
सौ रुपए का नोट सौ रुपए का नोट सयारा देर से सोई। देर से सोई, तो देर से उठी। देर से उठी, तो हर काम में देर होती चली गई। वह दौड़ते-दौड़ते स्कूल बस तक पहुंच गई। एक पल की और देरी हो जाती, तो बस छूट ही जाती। वह बस में चढ़ी ही थी कि रीमा बोली, “एक ही सीट बची है। आखिर वाली।” सयारा बस में सबसे पीछे वाली सीट पर बैठ गई। स्कूल गेट आया। बस रुकी, बच्चे उतरने लगे। सयारा को सबसे बाद में उतरना था। अचानक उसकी नजर एक सीट के नीचे पड़ी। वहां सौ रुपए का एक नोट मुड़ा-तुड़ा पड़ा था। सयारा ने झट से वह नोट उठा लिया। उसने वह नोट मुट्ठी में बंद कर लिया। वह क्लास में आ पहुंची। पलक झपकते ही उसने नोट अपने स्कूल बैग में रख लिया। सुबह स्कूल में प्रार्थना सभा हुई। अब पहला पीरियड गणित का था। सयारा का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था। वह सोच रही थी, ‘इंटरवल में कोल्ड ड्रिंक पिऊंगी। दो समोसे भी खाऊंगी। दो पैकेट चिप्स के भी लूंगी, तब भी रुपए बच ही जाएंगे।’ जैसे-तैसे पहला पीरियड बीता। दूसरा पीरियड हिंदी का था। लेकिन सयारा तो इंटरवल का इंतजार कर रही थी। वह सोचने लगी, ‘आज तो मजा आ गया। सौ रुपए तो बहुत ज्यादा होते हैं। मुझे दो-तीन दिन घर का टिफिन भी नहीं खाना पड़ेगा। काश! मुझे सौ रुपए हर रोज मिल जाते।’ तीसरा पीरियड भी बीत गया। चौथा पीरियड अंग्रेजी का था। सयारा सोचने लगी, ‘बस, अब कुछ ही देर में इंटरवल की घंटी बजने वाली है। आज तो भूख कुछ ज्यादा ही लग रही है।’ यह क्या, तभी शकीला रोने लगी। क्लास के सारे बच्चे उससे पूछने लगे। वह रोते-रोते बोली, “मेरा सौ रुपए का नोट खो गया। पता नहीं, कब स्कर्ट की जेब से गिर गया। कहां गिरा, पता ही नहीं चला। स्कूल की छुट्टी के बाद मुझे अम्मी के लिए दवा लेकर जानी थी। अब्बू भी यहां नहीं हैं।” अक्षरा ने कहा, “स्कूल में रुपए लाना मना है। तुम लाए ही क्यों?” अंशिका ने कहा, “वह बता तो रही है कि अम्मी के लिए दवा ले जानी थी। अब क्या होगा?” अंग्रेजी की टीचर गुरलीन कॉपियां जांच रही थीं। शकीला से पूछा, तो उसने सारा किस्सा सुनाया। टीचर ने कहा, “छुट्टी होने पर मुझसे एक सौ रुपए ले जाना। अम्मी को बता देना। जब मन हो, मेरे रुपए लौटा देना।” तभी इंटरवल की घंटी बजी। सयारा ने झट से अपना बैग उठा लिया। अचानक उसे न जाने क्या हुआ, वह टीचर से बोली, “मैम, शायद यह एक सौ रुपए का नोट शकीला का ही है। मुझे मिला था, यह लीजिए।” टीचर ने एक सौ रुपए का नोट शकीला को देते हुए कहा, “यह लो। एक सौ रुपए। गुड सयारा, वैरी गुड।” क्लासरूम में तालियां बजने लगीं। अगल-बगल की क्लास के बच्चे भी वहां आ गए। सब सयारा की ही बात कर रहे थे। दूसरे ही क्षण तालियों की आवाज बढ़ने लगी। सयारा की कुछ सहेलियों ने उसे कंधों पर उठा लिया। सब चिल्लाने लगे, “सयारा... सयारा।” ©Pankaj R सौ रुपए का नोट
सौ रुपए का नोट #कामुकता
read moresayar Lalit mali
इस कलयुग में रुपया चाहे कितना भी गिर जाए, इतना कभी नही गिर पाएगा जितना रुपयों के लिए इंसान गिर चुका है..😞✍️ ©sayar Lalit mali रुपए और लोग #Memories
Pradyumn awsthi
आज के समय में केवल कड़ी मेहनत करने से कुछ हाथ नहीं लगता है जनाब अगर केवल कड़ी और जी तोड़ मेहनत करने से तरक्की मिला करती तो शायद बेचारा गधा ,शेर बनगया होता और देश के सभी मजदूर आज अंबानी और अडानी बन गए होते लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है इंसान के लिए स्मार्ट वर्क भी उतना ही जरूरी होता है जितना की हार्ड वर्क इसीलिए आप अपने जीवन में केवल गधे की तरह ही मेहनत ना करें अपने दिमाग का पूरा उपयोग करें और विद्वानों की तरह ही अपने सोच विचारों को रखें ©"pradyuman awasthi" #बात लाख रुपए की
Pradyumn awsthi
संसार का सबसे ज्यादा अमूल्य एवम बेशकीमती धन , अनुभव होता है । क्योंकि ,इंसान अनुभव को पैसों से नहीं खरीद सकता । अनुभव ,इंसान को अपनी अमूल्य उम्र खर्च करने के बाद ही मिलता है एक सुविख्यात कवि ने बड़ी ही सुंदर और गागर में सागर भरने वाली प्रभावपूर्ण बात कही है की "जहां पर इंसान भी ना पहुंच सके ,वहां भी पहुंच जाता है रवि ।जहां रवि भी नहीं पहुंच सकता वहां पर पहुंच जाता है कवि।लेकिन जहां कवि भी ना पहुंच सके वहां पहुंचे केवल एक अनुभवी " अर्थ -रवि यानी सूर्य। जिस स्थान पर मानव भी नहीं पहुंच सकता वहां पर सूरज की रोशनी पहुंच जाती है ।जहां पर सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंचती वहां एक कवि की कल्पना पहुंच जाती है लेकिन जहां पर कवि की कल्पना भी ना पहुंच सके वहां पर केवल एक अनुभवी मानव अपने अनुभव के कारण पहुंच जाता है ।यानी अनुभवी ज्ञान सबसे बड़ा और अमूल्य होता है ©"pradyuman awasthi" #लाख रुपए की बात
Devang shukla
पढ़ने वालों को मुहब्बत हो गई हमसे। तुमको हिंदी नहीं आती या कोई भूल हो गई है हमसे। अब तुम्हारे आने पर लगता है रंगदार आया है कोई। मत आओ जब उधारी पूरी वसूल हो गई है हमसे। रंगदार: डराकर रुपए लेने वाला
रंगदार: डराकर रुपए लेने वाला
read moreRAVAN
मेरी फ़्री वाली राय- इतना कमाओ की🤑 दुनिया तुम्हे न देखे 😒 बल्कि तुम पूरी की पूरी दुनिया देख सको 🤴 #रुपए मे कमा #डॉलर मे उडा