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Palak Parmar
White अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा ©Palak Parmar अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा
अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा #Love
read moreAryan Shivam Mishra
अभी तो बस शुरुआत किया है जनाब #लव Love #Motivational #Trending #aryanshivammishra मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशन
read morePriyawant Markamji
White अपनी मंजिल खुद तय करनी चाहिए क्योंकि दूसरे के पैर पर भरोसा करोगे तो कब अपना पैर लड़खड़ा जाएगा पता ही नहीं चलेगा। ©Priyawant Markamji #sad_quotes जब मंजिल तय ही कर लिया तो, डर किस बात की पीछे मुड़ने का तो सवारी पैदा नहीं होता। #Trending sad xxxtentacion quotes
#sad_quotes जब मंजिल तय ही कर लिया तो, डर किस बात की पीछे मुड़ने का तो सवारी पैदा नहीं होता। #Trending sad xxxtentacion quotes
read moreDr. Bhagwan Sahay Meena
White काश! सड़कों की तरह... जिंदगी के रास्तों पर भी लिखा होता... आगे ख़तरनाक मोड़ है... ©Dr. Bhagwan Sahay Meena #good_night जिंदगी के रास्तों पर
#good_night जिंदगी के रास्तों पर #मोटिवेशनल
read morePagal shayer
White बस सफर में खोए है कही!! मंजिल का कुछ पता नहीं!! ©Pagal shayer मंजिल का कुछ पता नहीं....
मंजिल का कुछ पता नहीं.... #Shayari
read morejoya
White उठो खड़े हो सम्हलो आगे बढ़ो और चलते रहो ..... क्योंकि सफलता एक दिन में नही मिलती मगर एक दिन जरुर मिलती है। ©joya # बढ़ते रहो मंजिल की ओर #
# बढ़ते रहो मंजिल की ओर #
read moreVandana Rana
White बस आगे बढ़ते चलते रहिए मंज़िल मिल जाएगी। ©Vandana Rana बस आगे बढ़ते चलते रहिए मंज़िल मिल जाएगी।
बस आगे बढ़ते चलते रहिए मंज़िल मिल जाएगी। #Quotes
read morePankaj Pahwa
White क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, शब्दों से जो दिख रहा हुं बस वही दिखता हूं मैं, ना पढ़े साहित्य मैने ना पढ़ी कोई पोथियां, अब तलक जितनी पढ़ी थीं निकली सारी थोथियाँ, जीने का मतलब सिखाती ये किताबें मोटियां, क्या करूं पढ़कर इन्हें गर मिल ना पाएं रोटियां, क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, अब तलक जितना पढ़ा था सब किताबी ज्ञान था, असली दुनिया में तो मुझसा बस मैं ही अज्ञान था, झूठ को सच मान लेता ये यहां कानून है, सच को सच्चाई से कहना जैसे कर दिया खून है, क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, अब इलाज के नाम पे वो लेते मोटी हैं रकम, पट्टी तो कर देते लेकिन नोटों का देते ज़ख्म, है अगर तुम में रईसी तुम में है पैसे का दम, तब तो जानो तुम हो जिंदा वरना समझो हो खतम, क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, शब्दों से जो दिख रहा हुं बस वही दिखता हूं मैं, ©Pankaj Pahwa #Thinking क्या लिखूंगा